गया.
जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीज को प्लास्टिक के ग्लास में गर्म दूध देना बंद नहीं किया गया है. चार दिन पहले ही प्रभात खबर में इस खबर को विस्तार से प्रकाशित किया गया. उस खबर में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों इसमें दूध पीने को खतरनाक बताया है. इसके बाद भी किसी तरह की कार्रवाई अब तक नहीं की. शुक्रवार को भी इसी ग्लास में मरीजों को दूध पीते देखा गया. सरकारी अस्पतालों में दो-तीन माह तक ऑपरेशन के इंतजार में मरीज को भर्ती रहना पड़ता है. ऐसे में लगातार मरीज को इसी ग्लास में दूध दिया जा रहा है. एएनएमएमसीएच में आर्थो में सबसे अधिक समय तक मरीज को ऑपरेशन के लिए इंतजार करना पड़ता है. डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के दूध पीने से कई तरह के रोग के साथ कैंसर भी हो सकता है. एजेंसी के महिला कर्मचारी ने बताया कि उसे जिस ग्लास में दूध देने को कहा जायेगा. उसी ग्लास में देगी. अपने पैसों से खरीद कर ग्लास ला नहीं सकती. इस बात पर अधिकारी को ध्यान देना चाहिए.इस ग्लास में दूध देना खतरनाक
प्लास्टिक के ग्लास में दूध देना बंद करवाया जायेगा. मरीज या फिर आम आदमी को भी इस तरह के ग्लास में दूध देना बहुत ही खतरनाक है. इस ग्लास को सरकार की ओर से पूरी तौर से प्रतिबंधित कर दिया गया है. सरकारी संस्था में इस तरह का सप्लाइ होने के बाद आम जन को इससे रोक के लिए प्रेरित कैसे किया जायेगा. इसलिए इस तरह कर ग्लास का उपयोग पर रोक लगाई जायेगी. इस संबंध में एजेंसी को सूचित कर दिया गया है.
नीलेश कुमार, डीपीएम, स्वास्थ्यडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है