बाराचट्टी. सऊदी अरब प्रशासन मृत मजदूर मोहनपुर थाना क्षेत्र के रोशनचक गांव निवासी जफर खान का शव घर भेजने से इंकार कर रहा है. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि मृतक के भाई के आने के बाद उनका डीएनए मिलान किया जायेगा. इसके बाद शव को हिंदुस्तान भेजा जायेगा. मामला मोहनपुर थाना क्षेत्र के रोशनचक गांव के हसमत खान के पुत्र तीस साल के जफर खान से जुड़ा है. जानकारी के अनुसार, जफर खान डेढ़ साल पहले बिजली मिस्त्री का काम करने के लिए सऊदी अरब के शहर नजरान गया था. वहां एक निजी कंपनी में बिजली मिस्त्री का काम करता था. छह दिन पहले उसे बिजली करेंट लग गया था. करेंट लगने के बाद निजी कंपनी के लोगों द्वारा इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान जफर ने शनिवार को दम तोड़ दिया. जफर की मौत के बाद परिजन कंपनी से शव को लाने के लिए फरियाद लग रहे हैं. वहां का पुलिस प्रशासन का कहना है कि उसके भाई के आने के बाद ही डीएनए का मिलान होने के बादं शव दिया जायेगा. मृतक की पत्नी संईदा खातून का कहना है कि उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह अपने देवर को सउदिया भेज सकें. सउदिया जाने के लिए तुरंत वीजा भी नहीं मिलेगा. ऐसे में पति का बॉडी कैसे घर आएगा यह चिंता उन्हें सता रही है. ईद पर्व के दिन जफर की मौत की खबर जैसे ही घर पहुंची खुशी मातम में बदल गयी. पत्नी सइदा एवं दो छोटे बच्चों का रो रो कर बुरा हाल हो गया था. पत्नी का कहना था कि भारत सरकार इस दिशा में पहल करें. ताकि, उसके पति का शव घर लाया जा सकें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है