गया. रामपुर थाने की पुलिस ने शनिवार की शाम को शहर के एपी कॉलोनी में स्थित बच्चू यादव के मकान के पास सड़क से बरामद किये गये शव की पहचान मंगलवार को मगध मेडिकल थाना क्षेत्र के नीमा गांव के रहनेवाले 33 वर्षीय श्रवण यादव के रूप में की गयी है. मगध मेडिकल अस्पताल के शीतगृह में रखे शव को देखते ही वहां पहुंचे परिजन हंगामा करने लगे और रामपुर थाने की पुलिस व एक बिल्डिंग ठेकेदार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए मेडिकल अस्पताल पहुंचकर मुख्य सड़क जाम कर दिया. इससे वहां वाहनों की लंबी कतारें लग गयी. आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया. युवक की मौत के मामले में हत्या की प्राथमिकी दर्ज करने व दोषी बिल्डिंग ठेकेदार के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करने की मांग को लेकर उग्र लोगों ने वहां आगजनी भी किया. परिजनों ने कहा- बिल्डिंग में कामकाज के दौरान हुई मौत जाम व आगजनी से वाहनों की आवागमन बाधित रहा. वहां मौजूद परिजनों ने बताया कि एपी कॉलोनी स्थित एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में श्रवण काम करता था. शनिवार को भी श्रवण यादव अपनी ड्यूटी पर गया था. लेकिन वह शाम को घर नहीं लौटा. काफी खोजबीन के बाद परिजनों को पता चला कि जिस स्थान पर श्रवण कामकाज कर रहा था, उसके कुछ दूरी पर शनिवार की शाम को एक शव बरामद हुआ था. इसी सूचना पर पीड़ित परिजन मगध मेडिकल कॉलेज के शीतगृह पहुंचे और वहां श्रवण का शव देखा, ताे आपे से बाहर हो गये. परिजनों ने बताया कि श्रवण की मौत कामकाज करने के दौरान हुई है. लेकिन, ठेकेदार सहित उससे जुड़े लोगों ने उक्त घटना को छिपाने के दृष्टिकोण से श्रवण के शव को सड़क पर रख कर सड़क हादसे का रूप दे दिया. यह एक प्रकार का हत्या का रूप है. इधर, घटना की जानकारी पाते ही सिटी डीएसपी धर्मेंद्र भारती, मगध मेडिकल थानाध्यक्ष कृष्ण कुमार, रामपुर थानाध्यक्ष दिनेश बहादुर सिंह सहित समाजसेवी सुनील यादव, घुठिया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि आदित्य यादव सहित काफी संख्या में लोग वहां पहुंचे और उग्र परिजनों को समझा कर शांत कराया. ठेकेदार व पुलिस के मोबाइल फोन की जांच हो, तो वास्तविकता का होगा खुलासा घरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि श्रवण की मौत के बाद संबंधित ठेकेदार ने एक सुनियोजित तरीके से पुलिस को भी मैनेज किया और फिर अपनी योजना के अनुसार, पुलिस को सड़क हादसे की सूचना दी और शव के शव को अज्ञात बता कर पोस्टमार्टम करा कर मगध मेडिकल कॉलेज के शीत गृह में रख दिया गया. अगर संबंधित ठेकेदार व संबंधित थाने की पुलिस के मोबाइल फोन के नंबरों के सीडीआर-कॉल डिटेल रेकॉर्ड निकाला जाये, तो स्पष्ट हो जायेगा कि ठेकेदार ने कितने बेहतर तरीके से पुलिस के सहयोग से श्रवण की मौत के मामले में साजिश रची. हालांकि, इस मामले में कुछ लोग ठेकेदार व पीड़ित परिजन के बीच मैनेज करने में लगे हैं, ताकि उनके परिजनों को ठोस मुआवजा मिल सके. हालांकि, इस सवाल का जवाब जानने को लेकर रामपुर थानाध्यक्ष के सरकारी मोबाइल फोन पर कॉल किया गया, तो फोन रिसीव करनेवाले दारोगा राकेश कुमार ने बताया कि वरीय अधिकारी छुट्टी पर हैं और वह मीटिंग में व्यस्त थे. इस कारण उक्त घटना को लेकर उनके पास विशेष जानकारी नहीं है.
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