गया.
सीयूएसबी में विकसित भारत युवा संसद महोत्सव 2025 के अंतर्गत आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में चार जिलों से 53 युवा शामिल हुए. कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में इस कार्यक्रम का आयोजन सीयूएसबी के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के समन्वयक प्रो बुधेंद्र कुमार सिंह एवं आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो पवन कुमार मिश्रा की देखरेख में किया गया. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित किये जाने वाले विकसित भारत युवा संसद महोत्सव को सीयूएसबी ने नोडल संस्थान के रूप में आयोजित किया. कार्यक्रम में आयोजक समिति के सदस्य डॉ अनिल कुमार के साथ डॉ रिंकी, डॉ परिजात प्रधान व विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक प्राधिकारी व राष्ट्रीय सेवा योजना के वालंटियर भी मौजूद रहे. कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन करने के बाद सीयूएसबी के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा मजबूत लोकतंत्र के लिए आवश्यक है. उन्होंने एक साथ चुनाव कराने के फायदे और चुनौतियों पर विचार करने की सलाह दी और विकसित भारत की नींव रखने में युवा शक्ति को बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जागरूक किया. इस अवसर पर प्रो पवन कुमार मिश्रा ने स्वागत भाषण दिया एवं नेहरू युवा केंद्र के जिला पदाधिकारी हेमंत कुमार ने नेहरू युवा क्लब के योगदान पर प्रकाश डाला. सीयूएसबी के एनएसएस समन्वयक प्रो बुधेंद्र कुमार सिंह ने राष्ट्रीय सेवा योजना एवं विश्वविद्यालय के योगदान के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि विकसित भारत युवा संसद के गया नोडल जिला में गया के साथ-साथ जहानाबाद, नवादा व औरंगाबाद के विभिन्न कॉलेजों व एमयू से 84 छात्रों ने माइ भारत पोर्टल पर अपना आवेदन दिया, जिसमें से 53 प्रतिभागियों को जिला स्तरीय युवा संसद में भाग लेने का मौका मिला.निरंतर चुनाव के कारण समय, उर्जा और धन का खर्च ज्यादा
प्रतिभागियों ने एक राष्ट्र एक चुनाव पर विचार रखते हुए कहा कि निरंतर चुनाव के कारण समय, उर्जा और धन तीनों के खर्च अधिक होते हैं. ऐसे में एक राष्ट्र एक चुनाव देश को मजबूत करने और सशक्त सरकार निर्माण में मिल का पत्थर साबित होगा. वहीं, प्रतियोगियों ने एक राष्ट्र एक चुनावकी संवैधानिक चुनौतियां को रेखांकित करते हुए कहा कि अनुच्छेद 82 और अनुच्छेद 172 में बदलाव करने की आवश्यकता है. छात्रों ने जर्मनी, इंडोनेशिया, पोलैंड का उदाहरण देते हुए कहा कि जब दूसरे देशों में एक राष्ट्र एक चुनाव करवाई जा सकती है तो हमारे यहां क्यों नहीं. अंत में निर्णायक मंडली में सम्मिलित प्रो पवन कुमार मिश्रा, प्रो अर्चना, डॉ पूनम कुमारी ने सभी प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को बड़ी गंभीरता से सुना और 10 प्रतिभागियों को राज्यस्तरीय युवा संसद के लिए चयनित किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

