गया. बिहार व झारखंड की सीमा पर डोभी प्रखंड इलाके में करीब 1650 एकड़ में अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के निर्माण कार्य से संबंधित योजनाओं की समीक्षा रविवार को सर्किट हाउस में मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने की. मौके पर मौजूद मगध आयुक्त डॉ सफीना, डीएम डॉ त्यागराजन, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सहित उद्योग विभाग व अन्य संबंधित विभागों से जुड़े पदाधिकारियों के साथ लंबे समय तक समीक्षा की. मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर को लेकर गंभीर रहें. इस कॉरिडोर से युवाओं का पलायन रुकेगा. स्थानीय स्तर पर युवाओं को उनकी कार्यक्षमता के अनुसार से रोजगार मिल सकेगा. इस कॉरिडोर में चार चरणों में इस क्षेत्र में करीब 1105 औद्योगिक इकाइयां लगायी जा सकेंगी. इस कॉरिडोर से औद्योगिक विकास होगा. इधर, अधिकारियों ने बताया कि करीब 1650 एकड़ में से करीब 1040 एकड़ क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां स्थापित होंगी. वहीं अन्य क्षेत्र में सड़क, खुली जगह, विभिन्न तरह के यूटिलिटी सर्विस के लिए चिह्नित किया गया है. इस इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर में खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, ऑटो व ऑटो पार्ट्स मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों को प्रमुखता से लगने की संभावना है. डोभी अंचल में 10 मौजा की जमीन का अधिग्रहण होना है. इनमें खरांटी, गम्हरिया, मसौंधा, इनबोरवा, बभनदेव, गांगी, बरिया, बनवासी, गाजीचक और सुगासोत मौजा की जमीन का अधिग्रहण का कार्य काफी हद तक पूरा कर लिया गया है.
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