बांकेबाजार. प्रखंड मुख्यालय स्थित बांकेधाम में लगाये गये शिवरात्रि मेले में आये श्रद्धालु की मौत से मंदिर परिसर में सनसनी फैल गयी. मृतक की पहचान झारखंड के चतरा जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र के कसमार गांव के रहनेवाले पंकज गुप्ता के रूप में हुई है. पंकज गुप्ता प्राथमिक विद्यालय कर्माचक में पारा शिक्षक के रूप में कार्यरत थे. बुधवार को महाशिवरात्रि की पूजा करने अपनी पत्नी अमृता गुप्ता के साथ बांकेधाम पहुंचे थे. पंकज पहाड़ी पर स्थित मनोकामना मंदिर परिसर में खड़े थे. इस दौरान वह गिर गये और बेहोश हो गये. उनके सिर में गंभीर चोट आ गयी. उस दौरान उनकी पत्नी अमृता गुप्ता मंदिर की परिक्रमा कर रही थीं. जब उन्होंने देखा कि उनके पति अचेता अवस्था में गिरे हुए हैं तो वह लोगों से सहयोग करने के लिए इधर-उधर दौड़ने लगी. लेकिन, मंदिर समिति के किसी भी सदस्य या वनकर्मी के उस स्थान पर नहीं रहने के कारण काफी देर के बाद उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा इसकी सूचना स्थानीय थाने को दी गयी. पुलिस व स्थानीय लोगों द्वारा पहाड़ से नीचे उतारकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांकेबाजार में भर्ती कराया गया. तब तक काफी देर हो चुकी थी. हॉस्पिटल में भर्ती करने के बाद चिकित्सक अवधेश कुमार द्वारा मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना की जानकारी जैसे-जैसे लोगों को मिली अस्पताल में काफी भीड़ इकट्ठा हो गयी. इधर, थानाध्यक्ष विनय कुमार चौरसिया द्वारा शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल भेज दिया गया.
मृतक के भाई ने मंदिर समिति पर लगाया लापरवाही का आरोप
घटना के बाद मृतक के बड़े भाई सतीश प्रसाद गुप्ता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मंदिर समिति द्वारा यदि परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्था की जाती तो पंकज गुप्ता की जान बचायी जा सकती थी. लेकिन, मंदिर समिति द्वारा पेयजल, वॉलिंटियर्स, चिकित्सा शिविर, भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस बल की तैनाती, वनकर्मी का कोई इंतजाम नहीं किया गया था. यही कारण है कि भाई को मंदिर परिसर से हॉस्पिटल लाने में घंटों बीत गये.
स्थानीय लोगों ने भी लापरवाही का लगाया आरोप
घअना के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा व टंडवा पान समिति पर गंभीर आरोप लगाये. नरेंद्र सिंह दांगी, मुसाफिर पासवान, दिनेश पासवान, रूबी देवी, रामबरन कुमार, नरेश चंद्रवंशी सहित दर्जनों लोगों ने आरोप लगाया है कि बांकेधाम में महाशिवरात्रि का मेला प्रत्येक वर्ष लगाया जाता है तथा इसमें काफी भीड़ भी होती है. पर समिति द्वारा कोई व्यवस्था नहीं करने के कारण पूजा करने आए श्रद्धालु की मौत हो गयी. उन लोगों ने बताया कि यदि परिसर में चिकित्सा शिविर एवं अन्य सुविधा उपलब्ध करायी जाती तो तत्काल चिकित्सीय सुविधा मिल पाती.
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