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शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए एक एजेंसी को जिम्मेदारी दे दी गयी है. एक माह समय बीतने के बाद भी व्यवस्था में कोई सुधार न होकर पहले से भी स्थिति खराब हो गयी है. अधिकारी भी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. कई बार शहर में झाड़ू लगाया जा रहा है. लेकिन, कचरा उठाने के लिए कर्मियों को संसाधन मुहैया नहीं कराये जा रहे. हर दिन एजेंसी के कर्मचारी जगह-जगह से थर्मोकोल के डब्बे में कचरा उठाते दिख रहे हैं. कर्मचारियों ने कहा कि एजेंसी के अधिकारी ने साफ तौर पर कह दिया है कि इसी तरह एक माह तक काम चलाना होगा. इसके बाद ही संसाधन मिल सकेगा. एजेंसी को एग्रीमेंट करने से पहले बताया गया था कि शहर की सफाई बड़े शहरों के तर्ज पर करायी जायेगी. शहर में अत्याधुनिक संसाधन से सफाई की जिम्मेदारी दी गयी हे. हर वक्त पूरा शहर चकाचक नजर आयेगा. लेकिन, अब तक इसमें एक भी बात सच नहीं दिख रही है. लोगों ने कहा कि अपने फायदे के लिए यहां तरह-तरह के काम किये जाते हैं.थर्मोकोल के बाक्स पर लगाया गया है प्रतिबंध
प्रदूषण मुक्त रखने के लिए कई तरह के उत्पादों पर प्रतिबंध पहले से ही लगाया गया है. इसमें प्लास्टिक की थैली, सिंगल उपयोग के लिए बने प्लास्टिक के बर्तन जिसमें ग्लास आदि शामिल, थर्माकोल शामिल है. प्रदूषण मुक्त शहर बनाने के लिए निगम की ओर से लोगों को जागरूक करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किये गये. लेकिन, इसका कोई असर नहीं दिखता है. इतना ही नहीं प्रतिबंधित चीजों का उपयोग निगम में ही किया जा रहा है.इस तरह की जानकारी पर दी जा रही चेतावनी
थर्मोकोल का उपयोग नहीं करना चाहिये. इस तरह की बात होने पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी. एजेंसी के जिम्मेदार को बुलाया जा रहा है. उन्हें साफ शब्दों में कहा जायेगा कि इस तरह का काम हरगिज नहीं होना चाहिए. शहर के सफाई पर भी चेतावनी दी जायेगी.श्यामनंदन प्रसाद, उपनगर आयुक्त, नगर निगमB
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