आज के दौर में सोशल मीडिया पर दिखने वाली सुंदरता तेजी से बदल रही है, लेकिन इसी बीच 2022 की मिसेस यूनिवर्स रह चुकीं छत्तीसगढ़ की प्रेरणा धावरडे इसका अर्थ और उद्देश्य दोबारा समझाने की कोशिश कर रही हैं. उनका मानना है कि प्राकृतिक रूप से मिली सुंदरता का इस्तेमाल लोगों को प्रेरित करने और खुशी देने में होना चाहिए, न कि फूहड़ता और अश्लीलता के सहारे त्वरित प्रसिद्धि पाने के लिए. बोधगया प्रवास के दौरान प्रभात खबर से विशेष बातचीत में प्रेरणा ने कहा कि सुंदरता केवल शरीर तक सीमित नहीं, बल्कि मन, व्यवहार और आत्मविश्वास का संयोजन है.
सवाल : आज की सोशल मीडिया पीढ़ी में सुंदरता का उपयोग किस दिशा में जा रहा है?
प्रेरणा धावरड़े : दुर्भाग्य है कि प्राकृतिक रूप से मिली सुंदरता फूहड़ता और अश्लीलता के हवाले की जा रही है. ईश्वर ने शरीर इसलिए नहीं दिया कि लोग गंदे-गंदे रील्स बनाकर तुरंत फेमस हों. सुंदरता का इस्तेमाल लोगों को खुशी देने में होना चाहिए, न कि गलत कंटेंट में.सवाल : आप सुंदरता को कैसे परिभाषित करती हैं?
प्रेरणा धावरड़े: सुंदरता सिर्फ शारीरिक नहीं होती. मन, आत्मविश्वास, और दूसरों के प्रति व्यवहार में भी सुंदरता झलकनी चाहिए. केवल शरीर सुंदर होने से कोई मायने नहीं. असली खूबसूरती व्यक्ति के संस्कार और सोच में होती है.सवाल : सोशल मीडिया के गंदे व फूहड़ रील्स युवाओं को कितना प्रभावित कर रहे हैं?
प्रेरणा धावरड़े: बहुत, आज की युवा पीढ़ी जल्द फेमस होने की चाह में ऐसी चीजों से प्रभावित हो रही है, जो बेहद गलत है. शरीर की सुंदरता को गलत दिशा में इस्तेमाल करना समाज के लिए ठीक नहीं.सवाल : क्या सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रभाव भी मौजूद है?
प्रेरणा धावरड़े: बिल्कुल, कई इन्फ्लुएंसर अच्छे और सकारात्मक कंटेंट बनाकर लोगों को प्रेरित कर रहे हैं. इससे उनकी आमदनी भी होती है और समाज को सही दिशा भी मिलती है. यह सुंदरता और प्रतिभा का सही उपयोग है.सवाल : गंदी और फूहड़ता पर आधारित लोकप्रियता के बारे में आप क्या कहना चाहेंगी?
प्रेरणा धावरड़े: ऐसी प्रसिद्धि का कोई औचित्य नहीं. नाम और शोहरत अच्छे कामों से भी मिल सकता है. फूहड़ता से मिली लोकप्रियता अल्पकालिक और हानिकारक है.सवाल: अपनी सौंदर्य प्रतियोगिता के सफर के बारे में बताएं.
प्रेरणा धावरड़े: मैं 2020 में मिसेस छत्तीसगढ़ बनी, फिर 2021 में मिसेस इंडिया. 2022 में यूरोप में 107 देशों की प्रतिभागियों के साथ आयोजित प्रतियोगिता में मुझे मिसेस यूनिवर्स का खिताब मिला. यह मेरे लिए सबसे गर्व का क्षण था.सवाल : इस समय आपका बोधगया आने का उद्देश्य क्या है?
प्रेरणा धावरड़े: मैं त्रिपिटक चैंटिंग में भाग लेने और बौद्ध स्थलों का दर्शन करने यहां आयी हूं. बोधगया की आध्यात्मिक ऊर्जा हमेशा मन को शांति देती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

