Bihar Teacher Digital Arrest, रोशन कुमार: मनी लांड्रिंग सहित अन्य मामलों से संबंधित ग्रेटर मुंबई में 78 केस दर्ज होने और गिरफ्तारी वारंट इश्यू होने का भय दिखा कर साइबर गिरोह से जुड़े अपराधियों ने गया जिले के प्लस टू हाइस्कूल चाकंद में पोस्टेड एक शिक्षक अशोक कुमार को डिजिटल अरेस्ट किया और उनसे 13 लाख रुपये की ठगी कर ली. इस मामले को लेकर नालंदा जिले के हरनौत के श्रीचंदपुर गांव के रहनेवाले शिक्षक अशाेक कुमार के बयान पर साइबर थाने में केस दर्ज किया गया है.
कैसे चंगुल में फंसे शिक्षक, देखिये पूरा घटनाक्रम
पीड़ित शिक्षक ने अपनी शिकायत में बताया है कि वह 19 वर्षों से प्लस टू हाइस्कूल चांकद में शिक्षक हैं और चाकंद स्टेशन के पास रहते हैं. उनके मोबाइल फोन पर एक नंबर से कॉल आया. कॉल करनेवाले ने अपना परिचय दूरसंचार विभाग नयी दिल्ली का अधिकारी बताया.
उस अधिकारी ने उन्हें डराते हुए कहा कि उनके आधार नंबर से एक सिम निर्गत है. उस सिम के जरिये बड़े पैमाने पर लोगों के डराने, धमकाने, हृास करने व मनी लांड्रिंग का कारोबार हो रहा है और 78 मामले ग्रेटर मुंबई के कोलबा थाने में दर्ज हैं.
कंप्लेन नंबर के जरिये उनके विरुद्ध अरेस्ट वारंट इश्यू है. किसी भी वक्त उनकी गिरफ्तारी हो सकती है. इतना कह कर दूरसंचार विभाग के अधिकारी ने उन्हें कोलबा थाना ग्रेटर मुंबई के इंस्पेक्टर से बात करायी. उस इंस्पेक्टर ने उन्हें व्हाटसअप खोलने को कहा.
व्हाटसअप खोलने पर वह इंस्पेक्टर की वर्दी में दिखा और आधार कार्ड दिखाने को कहा. तथाकथित इंस्पेक्टर ने राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बता कर किसी भी को भी कुछ बताने से सख्त मना किया और लगातार व्हाटसअप पर कनेक्ट रहने की बात कही.
वह कभी डीएसपी से बात कराता तो कभी सीबीआइ से बात कराता. सभी प्रकार के नियम कानून की पेचेदियों का भय दिखा कर उनके पूरे परिवार को अरेस्ट करने की बात कही. इस दौरान इससे बचने को लेकर उसने एक बैंक खाते पर अपने खाते से 13 लाख रुपये के अधिक भेजने की बात कही.
साथ ही आश्वस्त किया कि जांच के बाद तीन दिनों के बाद सभी रुपये वापस कर दिये जायेंगे. सारे रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा- गोपाल नगर- महाराष्ट्र के एक ही बैंक खाते में भेजा हूं. लेकिन अबतक रुपये वापस नहीं लौटाया गया. तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ.
सीबीआइ के नाम पर डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे थे चार करोड़
पिछले साल अगस्त में सीबीआइ के नाम पर साइबर फ्रॉड ने डिजिटल अरेस्ट कर गया जी के प्रख्यात डॉक्टर एएन राय से चार करोड़ 40 लाख ट्रांसफर करवा लिये थे. रुपये ट्रांसफर करने के बाद डॉक्टर को अहसासा हुआ कि वह साइबर ठगी के शिकार हो गये हैं. इसके बाद इस मामले को लेकर साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी.
साइबर अपराधियों ने सीबीआइ अधिकारी बनकर डॉ एएन राय को वीडियो कॉल कर कहा था कि हमलोग सीबीआइ से हैं. आपके खाते में काफी पैसा है. मुंबई में भी खाता है. मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ है. केस से बचने के लिए खाता नंबर दिया जा रहा है, उसमें पैसे ट्रांसफर कीजिए.
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