बोधगया. बिहार ने पारंपरिक खेल गतका में एक रजत सहित पांच पदक जीतकर सबको चौंका दिया. इसका कारण यह है कि इस खेल में पंजाब और महाराष्ट्र के अलावा कई अन्य राज्यों का वर्चस्व रहा है. लेकिन, बीते कुछ समय में बिहार राज्य खेल प्राधिकरण (बीएसएसए) ने इस खेल पर पूरा ध्यान दिया है और अपनी मेजबानी में जारी खेलो इंडिया यूथ गेम्स में पांच पदक जीतने के बाद अब बीएसएसए का फोसक एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार करने पर है, जो आने वाले समय में राज्य को इस खेल में और बेहतर परिणाम देगा. बिहार की टीम में शामिल 10 खिलाड़ियों ने छह स्पर्धाओं में पांच पदक जीते. बीएसएसए के महानिदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आइपीएस रवींद्रन शंकरण ने इस इकोसिस्टम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गतका हालांकि हमारे लिए चुने गए 14 प्राथमिक खेलों में नहीं है, लेकिन बावजूद इसके हम इस खेल के लिए एक इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं. बाहर से कोचों को लाना और बच्चों को इस खेल के गुर सिखाना इसी का हिस्सा है. परिणाम हमारे सामने है और अब हमारा फोकस अपने कोचों को ट्रेन करना है. हमने पहले भी कई खेलों में ऐसा किया. हम रग्बी के लिए दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका से कोच लेकर आये और उसका बहुत सकारात्मक नतीजा निकला. बिहार टीम के कोच बलराज सिंह ने बताया कि बिहार सरकार इस खेल के उत्थान को लेकर गंभीर है और इसी के तहत खेलो इंडिया यूथ गेम्स से पहले उनकी तथा जसबीर सिंह की अंशकालिक नियुक्ति हुई. पंजाब के लिए खेल चुके बलराज ने कहा कि बहुत कम समय में बिहार गटका टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है.
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