जबकि, नक्सलियाें के हाेने की सूचना के बाद पूरी रणनीति व इंतजाम के साथ जंगल में प्रवेश करने से सुरक्षाबलों की मौत नहीं होती़ अॉपरेशन से पहले हेलिकॉप्टर काे भी स्टैंड बाइ में आपात स्थिति के लिए रखा जाना चाहिए था. यह तय था कि गया जिला पुलिस बल, आमस, बांकेबाजार, राेशनगंज, लुटुआ, मदनपुर थाने की पुलिस भी अॉपरेशन का हिस्सा हाेती, ताे नक्सलियाें काे बड़ा नुकसान पहुंचाया जा सकता था.
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मुठभेड़ में गृह मंत्रालय ने मांगी रिपाेर्ट
गया: साेमवार काे गया-आैरंगाबाद की सीमा पर डुमरीनाला पहाड़ी के समीप दंतताेड़ जंगल में नक्सलियों के साथ काेबरा के मुठभेड़ की पूरे घटनाक्रम की जानकारी गृह मंत्रालय ने मांगी है़ ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि मुठभेड़ में जिस तरह के काे-अॉर्डिनेशन की कमी रही है, ऐसे में पुलिस के कुछ वरीय अधिकारियाें पर […]
गया: साेमवार काे गया-आैरंगाबाद की सीमा पर डुमरीनाला पहाड़ी के समीप दंतताेड़ जंगल में नक्सलियों के साथ काेबरा के मुठभेड़ की पूरे घटनाक्रम की जानकारी गृह मंत्रालय ने मांगी है़ ऐसी आशंका जतायी जा रही है कि मुठभेड़ में जिस तरह के काे-अॉर्डिनेशन की कमी रही है, ऐसे में पुलिस के कुछ वरीय अधिकारियाें पर कार्रवाई हो सकती है़ इसमें स्थानांतरण से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई हाे सकती है. गौरतलब है कि नक्सलियों से मुठभेड़ में काेबरा बटालियन के 10 जवानाें की मौत हो गयी थी व पांच के घायल हो गये थे़ इसमें तीन नक्सलियाें काे भी मार गिराया गया था़.
काेबरा-नक्सली मुठभेड़ को नेतृत्व दे रहे आैरंगाबाद के एसपी बाबूराम के बिहार पुलिस बल के साथ मुठभेड़ के समय गायब हाेने काे लेकर भी कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं. खुफिया जानकारी में यह भी बताया गया है कि बाबूराम काे साेनदाहा जंगल में नक्सलियाें की काेई बड़ी मीटिंग की सूचना मिली थी, पर उन्हाेंने बगैर पड़ाेसी जिले के अधिकारियों काे सूचना दिये काेबरा के 120 जवानों व जिला पुलिस बल काे लेकर जंगल में प्रवेश कर गये.
उधर, लग रहा है कि नक्सलियों काे इसकी पूरी जानकारी हाे गयी थी कि काेबरा की चार टुकड़ी ही जंगल में घुसी है. दाे पहाड़ियाें पर नक्सलियों के भी चार प्लाटून के हाेने की सूचना मिल रही है. वे सभी अत्याधुनिक हथियाराें से लैस गुरिल्ला युद्ध के माहिर जवान थे. इस घटना काे अंजाम देने के लिए नक्सलियाें के प्लाटून में कई राज्याें के प्रशिक्षित जवान लगाये गये थे. बावजूद पुलिस का हमला चाैतरफा हाेता, ताे उनके हाैसले पस्त हाेते व उनके मारे जाने की संख्या काफी हाेती. इस पूरी घटना में सबसे बड़ी चूक काे-अॉर्डिनेशन की कमी व पूरी तैयारी के साथ नहीं जाना है. अब घटना के बाद अलग-अलग बिंदुआें पर हाइ लेवल समीक्षा चल रही है. इसके बाद ही खुफिया तंत्राें से इस बारे में गृह मंत्रालय ने पूरी घटनाक्रम की रिपाेर्ट मांगी है. साथ ही यह भी कि नक्सली फिलहाल किस आेर निकले हैं. जानकार बताते हैं कि नक्सली गया-आैरंगाबाद की सीमा काे छाेड़ चुके हैं. हालांकि, नक्सलियाें की टाेह में पुलिस सर्च अॉपरेशन काे जारी रखे हुए है.
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