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साक्षर व्यक्ति एक शपथपत्र से कर सकता है 10वीं व 12वीं, बिहार बोर्ड व सीबीएसइ में फेल छात्रों को भी अवसर
गया: एक शपथ पत्र की बदौलत कोई भी साक्षर व्यक्ति 10वीं व 12 की परीक्षा पास कर सकता है. उन्हें पास होने पर प्रमाणपत्र भी दिया जायेगा, जो देश के किसी भी काेने में मान्य होगा. ऐसी व्यवस्था राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय की ओर से की गयी है. यही नहीं, बिहार बोर्ड व सीबीएसइ में फेल […]
गया: एक शपथ पत्र की बदौलत कोई भी साक्षर व्यक्ति 10वीं व 12 की परीक्षा पास कर सकता है. उन्हें पास होने पर प्रमाणपत्र भी दिया जायेगा, जो देश के किसी भी काेने में मान्य होगा. ऐसी व्यवस्था राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय की ओर से की गयी है. यही नहीं, बिहार बोर्ड व सीबीएसइ में फेल हुए छात्र 10वीं व बारहवीं की परीक्षा देकर सफलता प्राप्त कर सकते हैं. यह मौका मार्च से जुलाई व सितंबर से लेकर फरवरी तक मिलता है.
आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई से वंचित रहनेवाले बच्चों के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय ने ठोस पहल की है. जो 10वीं पास होना चाहते हैं, उसे बस एक शपथपत्र देना होगा. शपथ पत्र पर इस बात का हवाला देना होगा कि वह है और 10वीं की पढ़ाई पूरी करना चाहता है. इस शपथ पत्र के आधार पर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय उस छात्र के नामांकन की प्रक्रिया पूरी करते हुए अध्ययन से संबंधित स्टडी मटेरियल मुहैया करा देगा. इसके कुछ ही माह बाद वह 10वीं की परीक्षा देकर सफल हो सकता है. इस शिक्षण संस्थान से 10वीं के बाद आइए, आइएससी व आइकाॅम की पढ़ाई पूरी कर सकता है. इस संबंध में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा के सहायक समन्वयक कृष्ण कुमार वर्मा ने बताया कि स्टूडेंट्स के नामांकन की प्रक्रिया शुरू है. कोई भी स्टूडेंट्स जिला स्कूल स्थित राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.
साल में दो बार नामांकन
यह शिक्षण संस्थान बच्चों को दो बार नामांकन का अवसर प्रदान करता है. पहला सेशन मार्च से जुलाई तक व दूसरा सितंबर से फरवरी तक चलता है. इस बीच कोई भी छात्र अपना नामांकन करा सकता है. साथ ही आगे की पढ़ाई पूरी कर सकता है.
मार्च-सितंबर में एक्जाम
नामांकन लेने के बाद एक साल के भीतर ही उन्हें परीक्षा देनी होगी. परीक्षा का समय मार्च से अक्तूबर निर्धारित है. इसी बीच छात्र परीक्षा दे सकते हैं. इसके अलग से कोई फीस नहीं देनी होगी.
नौ बार दे सकते हैं परीक्षा
इस शिक्षण संस्थान की एक और खासियत है. कोई भी छात्र असफल होने की स्थिति में इस संस्थान से नौ बार परीक्षा दे सकता है. नौवीं बार भी असफल होने पर उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा.
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