पर, पोल-ट्रांसफॉर्मर से आगे नहीं बढ़ा काम आरजीजीवीवाइ. 900 गांवों में बिजली-बत्ती पहुंचाने का दावाकई गांवों में पोल लगे, पर तार नहीं महीनों से खुदे पड़े हैं गड्ढे ग्रामीणों का आरोप, बिजली के लिए मांगे जा रहे हैं पैसे 2685 गांवों में बिजली आपूर्ति करने की है योजना फोटो:संवाददाता, गयाराजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाइ) के तहत गांवों में बिजली पहुंचाने के लिए एसपीएमएल (सुभाष प्रोजेक्ट एंड मार्केटिंग लिमिटेड) नामक कंपनी को काम सौंपा गया. इस योजना के तहत कंपनी को 2685 गांवों में पोल-तार व ट्रांसफॉर्मर लगा कर बिजली आपूर्ति करने का जिम्मा दे दिया गया. कंपनी ने अक्तूबर, 2013 से काम करना शुरू किया. दो साल बाद कंपनी का दावा है कि उसने 900 गांवों में बिजली पहुंचा दिया. वहां लोग बिजली-बत्ती जला रहे हैं. लेकिन, सच्चाई इससे परे है. जमीनी बात यह है कि इन गांवों में कहीं ट्रांसफॉर्मर लगा है, तो पोल नहीं. कहीं पोल लगा है, तो कहीं तार नहीं. और, जहां सबकुछ है, वहां बिजली आपूर्ति ही नहीं. पता चला है कि कामकाज देख रहे मुख्य ठेकेदार ने कामकाज को कई हिस्सों में बांट दिया है और छोटे-छोटे ठेकेदारों से काम करवा रहा है. इन्हीं की वजह से कामकाज की यह दुर्गति हो रही है. चर्चा तो यह भी है कि यही छोटे-छोटे ठेकेदार पोल, तार व ट्रांसफॉर्मर लगाने के बदले गांववालों से अवैध पैसे ले रहे हैं. मतलब, साफ है उगाही कर रहे हैं. बात यहीं नहीं थमती. जिन गांवों में ठेकेदार को पैसे मिले वहां काम हुआ, जहां नहीं मिले वहां गड्ढा खोदने के बाद काम शुरू ही नहीं हुआ. नगर प्रखंड का नैली गांव इसका भुक्तभोगी है. गांववालों ने बताया कि पोल गाड़ने के लिए ठेकेदार ने 20 हजार रुपये मांगे थे. पहले तो वे पैसे देने के लिए तैयार हो गये. लेकिन, बाद में जब पता चला कि सरकारी योजना के तहत बिजली पहुंचायी जा रही है. इसमें एक नया पैसा नहीं देना है, तो उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया. इसके बाद कंपनीवालों ने गड्ढा खोद कर छोड़ दिया. इस बाबत जब उनसे कुछ पूछा जाता है, तो उलूल-जुलूल जवाब देकर टाल जाते हैं. मामले की होगी जांचनैली गांव में ठेकेदार के मामले की जानकारी मिली है. जल्द ही नैली में बिजली के पोल व तार लगा दिये जायेंगे. अगर, ठेकेदार पैसे की मांग कर रहा है, तो इसकी जांच की जायेगी. सुलेखा रत, जीएम, एमपीएमएलपैसे नहीं दिये, इसीलिए काम रुका हैठेकेदार ने 20 हजार रुपये मांगे थे. पैसा नहीं देने पर गड्ढा खोद कर छोड़ दिया गया है. इंडिया पावर से भी सही तरीके से बिजली नहीं मिलती है. सुरेंद्र कुमारपोल लगाने के लिए गड्ढे खोदे गये हैं. अब ये खतरनाक हो गये हैं. इनमें बच्चों के गिरने का डर बना रहता है. गांववालों ने पैसे नहीं दिये, इसीलिए काम बंद है. मुन्ना कुमारइंडिया पावर का बिल समय पर आता है, पर बिजली नहीं. ट्रांसफॉर्मर से मुहल्ला तक तार व पोल दोनों जर्जर हैं. ग्रामीण विद्युतीकरणवाले पैसा मांगते हैं. कमलेश कुमारग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत पोल लगाने के लिए गड्ढा खोदा गया था. इसके बाद उन्होंने पैसे की मांग की. नहीं देने पर काम रुका है. शंभु कुमार
पर, पोल-ट्रांसफॉर्मर से आगे नहीं बढ़ा काम
पर, पोल-ट्रांसफॉर्मर से आगे नहीं बढ़ा काम आरजीजीवीवाइ. 900 गांवों में बिजली-बत्ती पहुंचाने का दावाकई गांवों में पोल लगे, पर तार नहीं महीनों से खुदे पड़े हैं गड्ढे ग्रामीणों का आरोप, बिजली के लिए मांगे जा रहे हैं पैसे 2685 गांवों में बिजली आपूर्ति करने की है योजना फोटो:संवाददाता, गयाराजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीवाइ) […]
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