चुनाव प्रचार के बैनर-पोस्टर का भी तय किया गया है साइज
गया : लोकसभा चुनाव के तहत 11 अप्रैल को गया में मतदान होना है. 28 मार्च को नामांकन संबंधित तमाम प्रक्रियाएं समाप्त हो जाने के बाद प्रत्याशी व पार्टी अपने पक्ष में प्रचार-प्रसार करेंगे. लेकिन, चुनाव प्रचार को लेकर भी राजनीतिक पार्टियों व प्रत्याशियों के लिए चुनाव आयोग ने कई नियम तय कर दिये हैं.
बीते दिनों राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम अभिषेक सिंह ने तय नियमों की पूरी जानकारी दे दी है. तय नियमों में पार्टी के झंडे से लेकर बैनर पोस्टर की संख्या और साइज तय कर दी गयी है.
नियमों के मुताबिक किसी पार्टी या प्रत्याशी के समर्थक अपने घर या दफ्तर में केवल तीन झंडे ही लगा सकते हैं. अगर कोई गठबंधन का समर्थक है, तो भी वह गठबंधन के सभी पार्टियों को मिला कर तीन ही झंडे लगा सकता है. झंडों की संख्या में वृद्धि नहीं की जा सकती है.
बैनर व झंडे को लेकर रहें सतर्क
वाहन पर बैनर पोस्टर लगाने की अनुमति नहीं दी गयी है.वाहनों पर लगाये जाने वाले झंडों की संख्या व साइज भी चुनाव आयोग ने तय कर दिया है. इसके मुताबिक दो पहिया वाहनों पर केवल एक झंडा, जिसका साइज एक फुट लंबा व आधा फुट चौड़ा होगा. इसके अलावा तीन पहिया व चार पहिया वाहनों पर भी केवल एक ही झंडा लगाना है.
इसकी भी लंबाई -चौड़ाई वही रहेगी. गाड़ियों पर बैनर-पोस्टर पाये जाने पर प्रशासन की ओर से आयोग द्वारा नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जायेगी. रैली सभा के लिए प्रयोग किये जाने वाले बैनर-पोस्टर का भी साइज चुनाव आयोग ने तय कर दिया है. कोई व्यक्ति अपने हिसाब से बैनर-पोस्टर तैयार नहीं करा सकता. राजनीतिक दल अधिकतम चार फुट लंबा और आठ फुट चौड़े बैनर पोस्टर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
मतदाताओं को तंग किया, तो जायेंगे जेल मतदाताओं को किसी भी प्रकार से प्रभावित या तंग करने के दोषी पाये जाने वाले प्रत्याशी या उनके समर्थक को जेल भी हो सकती है. भारतीय दंड संहिता के चैप्टर IXA में चुनाव से संबंधित धारा 171 ए से धारा 171जी तक इसका उल्लेख किया गया है. धारा 171ए में कैंडिडेट के चुनावी अधिकार के संबंध में विवरण अंकित है. धारा 171 बी में चुनाव के लिए मतदाताओं को रिश्वत देने और लेने वाले दोनों को दंडित किये जाने का प्रावधान है.
इसमें एक साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों दिये जा सकते हैं. उसी प्रकार मतदान के लिए मतदाताओं पर जबरन दबाव बनाने पर धारा 171एफ के तहत एक साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है. धारा 171जी के अंतर्गत किसी कैंडिडेट के व्यक्तित्व अथवा चरित्र के विषय में झूठा वक्तव्य देने पर जुर्माना से दंडित किया जा सकता है. झूठे प्रचार के लिए आरपी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दंड के प्रावधान किये गये हैं.