- महज दो माह में कोतवाली थाना क्षेत्र की एटीएम से उड़ा लिये गये लाखों
- कार्ड नंबर, ओटीपी व खाता संख्या बताये बिना निकाल लिये गये रुपये
- ज्यादातर मामले एसबीआइ के, पीड़ित थाने व बैंक का लगा रहे चक्कर
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गया : साइबर क्राइम रोकने में पुलिस व बैंक लाचार ग्राहक खुद ही जाने अपने रुपये-पैसे का हाल
महज दो माह में कोतवाली थाना क्षेत्र की एटीएम से उड़ा लिये गये लाखों कार्ड नंबर, ओटीपी व खाता संख्या बताये बिना निकाल लिये गये रुपये ज्यादातर मामले एसबीआइ के, पीड़ित थाने व बैंक का लगा रहे चक्कर गया : बिना एटीएम कार्ड नंबर, पासबुक, अकाउंट नंबर व ओटीपी बताये लोगों के खातों से पैसे […]
गया : बिना एटीएम कार्ड नंबर, पासबुक, अकाउंट नंबर व ओटीपी बताये लोगों के खातों से पैसे उड़ाने का मामला बढ़ता जा रहा है. इस पर रोक लगाने में पुलिस व बैंक दोनों ही अब तक नाकाम हैं. पीड़ित भी ज्यादातर मामले में थक हार कर चुप बैठ जा रहे हैं. पहले फोन कर साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी खुद को बैंक अधिकारी बताते हुए ग्राहकों का कार्ड नंबर पूछते थे. लेकिन, अब बिना जानकारी के ही पैसा उड़ा लिये जा रहे हैं.
इसमें ज्यादातर मामले एसबीआइ से जुड़े हैं. पीड़ितों का कहना है कि बैंक व थाने में कोई कुछ नहीं सुनता है. हर जगह सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन दिया जाता है. पुलिस के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि कुछ जगहों पर लोगों की गलती से साइबर अपराधी अपने मंसूबे में कामयाब होते हैं. लेकिन, हाल के दिनों में आ रहे मामलों से लगता है कि बैंक का डेटा ही सुरक्षित नहीं है. हैकर उसके माध्यम से ही घटना को अंजाम दे रहे हैं.
जरा गौर कीजिए वारदातों की संख्या पर
16 जनवरी को अनिता कुमारी सिन्हा, 29 जनवरी को अनिरुद्ध कुमार, एक फरवरी को अनीश कुमार सिंह, चार फरवरी को सदानंद यादव, छह फरवरी को श्यामनंदन कुमार, 12 फरवरी को उमानाथ प्रसाद, 14 फरवरी को रोशन कुमार, 15 फरवरी को मुनदेव कुमार, 22 मार्च को मुकेश कुमार, दो मार्च को तपस्वी नाथ, चार मार्च को सिद्धार्थ कुमार व पांच मार्च को चंदेश्वर यादव ने अपने खाते से लाखों रुपये निकालने का मामला कोतवाली थाने में दर्ज कराया है.
इसमें चार मार्च को मुजफ्फरपुर के मत्स्य पदाधिकारी सिद्धार्थ कुमार ने अपने खाते से 41 हजार रुपये निकलने के बाद एसबीआइ के बाजार ब्रांच शाखा के शाखा प्रबंधक देवेंद्र सिंह पर ही मामला दर्ज कराया. इसके साथ ही विष्णुपद थाने में रिटायर्ड फौजी एसबीआइ के खाते से ही 40 हजार रुपये निकाल लिये जाने की शिकायत दर्ज करायी है. इसके अलावा भी कई थानों में दर्जनों मामले दर्ज कराये गये हैं. सभी मामले एसबीआइ से जुड़े हैं.
बैंक की दलील कैशलेस ट्रांजेक्शन करें ग्राहक
बैंक अधिकारियों का कहना होता है कि किसी अनजान व्यक्ति को अपना पासबुक नंबर, एटीएम कार्ड नंबर या ओटीपी नहीं बताएं. एटीएम से पैसा निकलते समय किसी अनजान को अंदर प्रवेश नहीं करने दें. किसी व्यक्ति को एटीएम कार्ड उसके हाथ में सहयोग के लिए मत दें. इतनी सावधानी हर कोई बरत रहा है. लेकिन, अब मामला ही उलटा है. पुलिस व बैंक अधिकारी दोनों ही इसको लेकर परेशान हैं.
एेसा कोई दिन नहीं, जब पैसा निकाले जाने की शिकायत नहीं मिलती हो. एसबीआइ के एचआर प्रबंधक हिमांशु शंकर ने बताया कि इसका सबसे अच्छा विकल्प कैशलेस ट्रांजेक्शन ही है. एसबीआइ की ओर से एप्स योनो जारी किया गया है. इसके तहत नेट बैंकिंग चलाने वाले को एप्स लोड करते ही इसकी सुविधा मिलने लगती है. नये कस्टमर को वन टाइम रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
यह कहना है पुलिस अधिकारी का
कई जगहों पर खाताधारकों के जागरूकता के अभाव में अपराधी सफल हो रहे हैं. पैसा निकलने संबंधी जांच की प्रक्रिया बहुत लंबी हो जाती है. इस क्राइम को करने में गिरोह सक्रिय हैं. पिछले दिनों दो-तीन गिरोहों का भंडाफोड़ हुआ था. लीड बैंक से इस तरह के क्राइम रोकने के लिए एटीएम में गार्ड रखने का आग्रह किया गया है.
बैंक अधिकारियों को कहा गया है कि एटीएम चलाने की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग को देने से पहले यह शर्त रखी जाये कि सुरक्षा सबसे जरूरी है. राज्य स्तर पर साइबर क्राइम से संबंधित मामले देखने के लिए सेल गठित है. यहां भी जल्द ही साइबर सेल खोले जाने का प्रस्ताव है. तत्काल टेक्निकल सेल के अधिकारी ही अपने निगरानी में इन मामलों का अनुसंधान कर रहे हैं.
अनिल कुमार, सिटी एसपी
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