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गया : थोड़ी-सी सजगता व बेसिक जानकारी बचायेगी आपको बड़ी दुर्घटनाओं से
प्रसनजीत यातायात के नियम फाॅलो नहीं करते हैं लोग, हादसे के बाद दूसरे पर लगाते हैं इल्जाम जानकारी के अभाव में हो रहीं अधिकतर दुर्घटनाएं गया : सड़क पर होनेवाली बड़ी दुर्घटनाओं के कारण बहुत छोटे होते हैं. सड़क सुरक्षा पर काम करनेवाले एक्सपर्ट मानते हैं कि लोगों में यातायात की बेसिक जानकारी का नहीं […]
प्रसनजीत
यातायात के नियम फाॅलो नहीं करते हैं लोग, हादसे के बाद दूसरे पर लगाते हैं इल्जाम
जानकारी के अभाव में हो रहीं अधिकतर दुर्घटनाएं
गया : सड़क पर होनेवाली बड़ी दुर्घटनाओं के कारण बहुत छोटे होते हैं. सड़क सुरक्षा पर काम करनेवाले एक्सपर्ट मानते हैं कि लोगों में यातायात की बेसिक जानकारी का नहीं होना और सजगता की कमी बड़ी दुर्घटनाओं के कारण बन जाते हैं. खास कर हाइवे पर यह ज्यादा होता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि चालक जिस गाड़ी को ड्राइव करता है, उसे उस गाड़ी को चलाने की बेसिक जानकारी होनी ही चाहिए.
चालक को पता होना चाहिए कि सड़क पर चलने के दौरान किन नियमों का ख्याल रखना है. जिले से होकर गुजरने वाले हाइवे पर अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं. खास कर डोभी चेक पोस्ट के क्षेत्र में गाड़ियों का दबाव अधिक रहता है और इसी क्षेत्र में दुर्घटनाएं भी होती हैं.
दुर्घटनाओं के बाद पुलिसिया कार्रवाई में चाहे जो भी कारण गिनाये जाते हों, लेकिन डोभी चेक पोस्ट पर ड्यूटी करनेवाले परिवहन विभाग के कर्मचारी मानते हैं कि अक्सर दुर्घटनाएं लापरवाही की वजह से ही होती हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है कि लोग ड्राइविंग से जुड़ी जानकारी का अध्ययन करें.
ओवर स्पीड बाइक दुर्घटना का प्रमुख कारण : बीते दो वर्षों में तमाम मोटरसाइकिल निर्माण करनेवाली कंपनियों ने स्पोर्ट्स बाइक का ट्रेंड ला दिया है. हर कंपनी युवाओं को लुभाने के लिए स्पोर्ट्स बाइक तैयार कर रही है.
इन मोटरसाइकिलों की खास बात यह है कि इनमें स्पीड बहुत होती है. कुछ सेकेंड में यह गाड़ियां बहुत स्पीड पकड़ लेती हैं और यही स्पीड थोड़े देर में ओवरस्पीड में बदल जाती है. सवाल है कि क्या यहां की सड़कें स्पोर्ट्स बाइक के लिए बनी हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि ना. दूसरा सवाल है कि क्या स्पोर्ट्स बाइक चलाने वालों को प्रशिक्षण दिया गया है. यहां भी जवाब ना ही है. एक्सपर्ट मानते हैं कि ओवर स्पीड की वजह से ही मोटरसाइकिल का नियंत्रण खो जाता है और दुर्घटनाएं होती हैं. बाइक चलाने वाला युवक उसे कंट्रोल ही नहीं कर पाता. अगर शौक में स्पोर्ट्स बाइक खरीदते भी हैं, तो स्पीड पर जरूर कंट्रोल रखें.
सड़क पर गाड़ी चलानेवाला हर व्यक्ति अपने गंतव्य तक जल्दी पहुंच जाना चाहता है. इस चक्कर में हर कोई ओवरटेक करने में लगा रहता है.
लेकिन, यह जरूर ध्यान रहे कि अक्सर बड़ी दुर्घटनाएं ओवरटेक के ही चक्कर में होती हैं. कारण है कि ड्राइवर को ओवरटेक करने के दौरान किन चीजों पर ध्यान पर रखना है, यह पता ही नहीं होता. एक्सपर्ट कहते हैं कोई भी गाड़ी चाहे वह मोटरसाइकिल हो या कार सभी को अपने लेन का ध्यान रखना चाहिए. ओवरटेक करने से पहले पीछे से आ रही गाड़ियों पर जरूर नजर रखें.
इसके बाद सामनेवाली गाड़ी को साइड देने का इशारा दें. जब साइड मिले, तो ही पास करें. ऐसा नहीं करने पर दूसरी साइड से आ रही गाड़ी के साथ सीधी टक्कर हो सकती है या फिर चालक अपनी गाड़ी को लेकर डिवाइडर से ही टकरा जायेगा.
फोरव्हीलर चलाते समय जरूर करें डीपर का प्रयोग
हाइवे पर गाड़ी चलानेवालों को लगभग हर ट्रक पर एक स्लोगन लिखा मिलता होगा -‘ रात में डीपर का प्रयोग करें’. लेकिन, इसे बहुत कम ही फोर व्हीलर चलाने वाले मानते हैं. हाइवे पर बिना डीपर के गाड़ी चलाने वाले खुद के साथ दूसरों की जान भी मुश्किल में डाले रखते हैं.
एक्सपर्ट बताते हैं कि एक व्यक्ति जो फोर व्हीलर चला रहा है और उसने मेन लाइट आॅन कर रखा है, तो सामने से आ रही कार या बाइक वाले की आंख पर ही रोशनी पड़ती है. ऐसे में निश्चित तौर उसका गाड़ी पर कंट्रोल ढीला पड़ जाता है. इस स्थिति में या तो वह सड़क की दूसरी ओर कहीं जा कर टकरायेगा या फिर सामने वाली गाड़ी से. आज-कल गाड़ियों में एलइडी लाइट लगी मिलती है, यह और भी खतरनाक है. फोर व्हीलर चलानेवालों को भी ट्रक ड्राइवरों से सीख लेते हुए सड़क पर डीपर का प्रयोग कर ही चलना चाहिए.
क्या कहते हैं अिधकारी
लोगों को ड्राइविंग से पहले बेसिक जानकारी जरूर रखनी चाहिए. यह जानकारी इंटरनेट पर भी मिल जाती है. इन जानकारियों को जरूर फाॅलो भी करें. नियमों की जानकारी और सजगता के साथ चलने वाले कभी दुर्घटना के शिकार नहीं होते. लोगों को समझना चाहिए कि जान उनकी है, उसकी फिक्र उन्हें ही करनी है. इसलिए सजग और सतर्क रहें और सेफ ड्राइविंग को अपने जीवन में लागू करें.
जनार्दन कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी, गया
60 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलनेवाली कार दुर्घटना की स्थिति में सड़क पर चलनेवाले 90 प्रतिशत लोगों की जान ले सकती है.
50 किलोमीटर प्रति घंटे की कार इसी स्थिति में 50 प्रतिशत लोगों की जान ले सकती है.
100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलनेवाली कार की दुर्घटना में घायल व्यक्ति की स्थिति ठीक वैसी ही होगी जैसा किसी के 12वीं मंजिल की इमारत से गिरने से होगी.
रोड एक्सीडेंट को लेकर कुछ जानने योग्य बातें
ड्राइवर की गलती से होनेवाली दुर्घटनाएं : 78.4 %
साइकिल या ठेला चलाने वालों की वजह से होने वाली दुर्घटनाएं : 7.1 %
सड़क किनारे बसे लोगों की गलती की वजह से : 2.8%
गाड़ी की खराबी की वजह से होने वाली दुर्घटनाएं : 2.3 %
खराब मौसम की वजह से : 1.7 %
हर मोड़ पर 50 मीटर पहले से ही इंडिकेटर जरूर दें
फोर व्हीलर चलानेवालों के लिए
सीट बेल्ट लगाएं. यह हर दुर्घटना में सुरक्षा की सबसे बड़ी गारंटी साबित हो सकती है.
रात में डीपर का प्रयोग करना ही चाहिए. मेन लाइट आॅन करना महंगा साबित हो सकता है.
हाइवे पर अपने ही लेन में चलें. लेन बदलते वक्त गाड़ी की स्पीड का जरूर ध्यान रखें .
गलत साइड व जबर्दस्ती ओवरटेक नहीं करें.
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