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महाबोधि मंदिर परिसर में बिछाये गये कृत्रिम घास से बने कारपेट
बोधगया : विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर में अब श्रद्धालुओं को गर्मी के दिनों में पैदल चलने में सहूलियत होगी व संगमरमर से बने फर्श पर उनके पैर नहीं जलेंगे. गर्मी के साथ ही जाड़े के दिनों में भी श्रद्धालुओं के पैर ठिठुरन से बच पायेंगे व लोग इत्मीनान के साथ मंदिर परिसर में टहल […]
बोधगया : विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर में अब श्रद्धालुओं को गर्मी के दिनों में पैदल चलने में सहूलियत होगी व संगमरमर से बने फर्श पर उनके पैर नहीं जलेंगे. गर्मी के साथ ही जाड़े के दिनों में भी श्रद्धालुओं के पैर ठिठुरन से बच पायेंगे व लोग इत्मीनान के साथ मंदिर परिसर में टहल सकेंगे. इसके लिए बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति(बीटीएमसी) द्वारा मंदिर परिसर में कृत्रिम घास से बने कारपेट बिछाये गये हैं.
मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर ऊपरी परिक्रमण स्थल, मिडिल परिक्रमण पथ , वज्रासन के आसपास के क्षेत्र व रिसेप्शन से लेकर मंदिर के गर्भगृह तक ये कारपेट बिछाये गये हैं. बीटीएमसी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, कारपेट को श्रीलंका के श्रद्धालुओं ने दान स्वरूप महाबोधि मंदिर को भेंट किया है. श्रीलंका के विश्व पारामी ट्रस्ट द्वारा महाबोधि मंदिर को कारपेट भेंट किये गये हैं.
इनकी साफ-सफाई के लिए हेवी ड्यूटी वैक्यूम क्लेनर भी कोलकाता से मंगाया जा रहा है, ताकि कारपेट के गंदा होने पर उसकी साफ-सफाई की जा सके. साथ ही, इसे डिटर्जेंट के माध्यम से भी साफ किया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि श्रीलंका के विश्व पारामी ट्रस्ट द्वारा पिछले जून में बोधिवृक्ष के चारों ओर लगे रेलिंग को सोने की कलई से पेंट कराया गया था.
इसका काम 30 अगस्त को पूरा हो चुका है व अब महाबोधि मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से वाटरप्रूफ कारपेट दान किया गया है. डीएम सह बीटीएमसी के अध्यक्ष अभिषेक सिंह ने इस पुनीत कार्य के लिए विश्व पारामी ट्रस्ट को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कारपेट की हर वक्त साफ-सफाई के लिए अतिरिक्त सफाईकर्मी भी रखने का निर्देश दिया है.
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