अखिल विश्व गायत्री परिवार के चिन्मय युवा प्रकोष्ठ की ओर से करायी गयी गोष्ठी
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ईश्वर की सर्वोत्तम कृति है बालक, शिक्षा के प्रति रहें सजग
अखिल विश्व गायत्री परिवार के चिन्मय युवा प्रकोष्ठ की ओर से करायी गयी गोष्ठी गया : शहर के रामसागर तालाब स्थित गायत्री शक्तिपीठ के परिसर में अखिल विश्व गायत्री परिवार की युवा इकाई चिन्मय युवा प्रकोष्ठ व कन्या जागृति मंडल द्वारा चलाये जा रहे निःशुल्क बाल संस्कार शाला के बच्चों के लिए वर्ष की दूसरी […]
गया : शहर के रामसागर तालाब स्थित गायत्री शक्तिपीठ के परिसर में अखिल विश्व गायत्री परिवार की युवा इकाई चिन्मय युवा प्रकोष्ठ व कन्या जागृति मंडल द्वारा चलाये जा रहे निःशुल्क बाल संस्कार शाला के बच्चों के लिए वर्ष की दूसरी अभिवावक-आचार्य गोष्ठी का आयोजन किया गया. गोष्ठी की शुरुआत महामंत्र गायत्री मंत्र से शुरू की गयी. इसकी अध्यक्षता बाल संस्कार शाला प्रभारी मनीष शुक्ला की. गोष्ठी को संबोधित करते हुए चिन्मय युवा प्रकोष्ठ के समन्वयक मुकेश कुमार ने कहा कि बालक ईश्वर की सर्वोत्तम कृति है. इनके बीच शैक्षणिक माहौल के प्रति अभिभावक सदैव सचेत रहें. इसके विकास के लिए घर में माता-पिता, विद्यालय में शिक्षक व समाज की हर इकाई बालसेवी संस्थाएं व प्रेरक साहित्य की संयुक्त भूमिका है.
अखंड ज्योति व युग निर्माण योजना से जुड़ने पर दिया बल : इस मौके पर संजीत कुमार ने सभी अविभावकों को अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका अखंड ज्योति और युग निर्माण योजना से जुड़ने का आग्रह किया साथ ही उनके फायदे भी बताये. गोष्ठी में आये सभी अभिभावक को चार अलग-अलग टोली में बैठा कर उनके बच्चों के बारे आचार्य ने सभी समस्या को सुन कर उनका समाधान दिया. गोष्ठी में अभिभावकों अपने स्वेच्छा से संस्था के दायित्व पत्र को भरा एवं आचार्य गणों को आश्वासन दिया कि वह अपने घर के वातावरण को स्वच्छ एवं संस्कारवान बनायेंगे. बाल संस्कार शाला में 15 नये बच्चों का स्वागत संस्कार से दाखिला किया गया. इस दौरान मंच की देखरेख गायत्री शक्तिपीठ मीडिया प्रभारी सूरज राउत ने किया.
इस अवसर पर गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी संजय शर्मा, आचार्य सुरभि मिश्रा, मुक्ता कुमारी, विभा कुमारी, मिरिनालनी कुमारी, शिखा कुमारी, स्मृति भट्टाचार्य, मनीष मिश्रा, सुमित कुमार, राजा कुमार, मिथुन कुमार, प्रवीण मिश्रा, प्रिंस सोनी व बाल संस्कार शाला के तमाम बच्चे मौजूद थे.
शुद्ध, सात्विक व पौष्टिक हो बच्चों का आहार
कन्या जागृति मंडल से जुड़ी निरमा कुमारी ने बच्चों के खान-पान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों का आहार शुद्ध, सात्विक व पौष्टिक होना चाहिए. इसका प्रभाव हमारे शरीर पर ही नहीं बल्कि मन पर भी पड़ता है. हमारा शरीर पोषक तत्वों को भोजन से निचोड़ कर शरीर को चलाने और उसके विकास तथा निर्माण के लिए ऊर्जा देता है. भोजन शरीर नहीं बल्कि खूबसूरत त्वचा, बाल, आंख व दांत के लिए भी योगदान देता है. भारतीय स्वास्थ्य सेवा के एक कार्यक्रम अनुसार अलग-अलग उम्र के बच्चे जो एक स्वास्थ्य संतुलित आहार का पालन कर रहे थे. उन्होंने कक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया, क्योंकि उन्हें सभी जरूरत आहार पोषण की प्राप्ति हुई थी, जो उनके दिमाग व शरीर को सुचारु रखने के लिए आवश्यक थी.
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