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महिला हेल्पलाइन को आंतरिक शिकायत समिति की जानकारी नहीं
गया : महिलाओं की समस्याओं के निराकरण और उनके अधिकारों के लिए बनी महिला हेल्पलाइन को ही इस बात की जानकारी नहीं है कि जिला समाहरणालय में आंतरिक शिकायत समिति है या नहीं. यह खुलासा हुआ है कि मानव अधिकारों को लेकर काम करने वाली संस्था हेल्पिंग ह्यूमन द्वारा आरटीआइ में मांगी गयी सूचना के […]
गया : महिलाओं की समस्याओं के निराकरण और उनके अधिकारों के लिए बनी महिला हेल्पलाइन को ही इस बात की जानकारी नहीं है कि जिला समाहरणालय में आंतरिक शिकायत समिति है या नहीं. यह खुलासा हुआ है कि मानव अधिकारों को लेकर काम करने वाली संस्था हेल्पिंग ह्यूमन द्वारा आरटीआइ में मांगी गयी सूचना के बाद.
संस्था के आरटीआइ सेल के अध्यक्ष रंजीत कुमार ने जिला पदाधिकारी के कार्यालय में आरटीआइ के तहत सूचना मांगी थी. इसमें पूछा गया था कि क्या कार्य स्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न को रोकने व कार्रवाई के लिए जिला समाहरणालय में कोई आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया गया है या नहीं. इस सवाल के जवाब में समाहरणालय स्थित महिला हेल्पलाइन ने लिखा है कि इस संबंध में यहां कोई जानकारी नहीं है.
इस जवाब के बाद रंजीत कुमार ने जिलाधिकारी को पत्र लिख कर जिले के हर कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन कराने की मांग की है. संस्था के आरटीआइ सेल के अध्यक्ष रंजीत कुमार ने मंगलवार को डीएम को यह पत्र भेजा है. इसमें उन्होंने कहा कि बीते दिनों उन्होंने मगध विश्वविद्यालय, मगध मेडिकल काॅलेज समेत अन्य कई सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों से आरटीआइ के माध्यम से इस बाबत जानकारी मांगी थी.
लेकिन, कहीं से भी जानकारी नहीं मिली. कुछ संस्थानों ने जो जानकारी दी उससे स्पष्ट है कि समिति केवल कागजों पर ही चल रही है. श्री कुमार ने कहा कि इससे साफ है कि कोई भी संस्थान महिला कर्मियों की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है, जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि हर संस्थान में आंतरिक शिकायत समिति होनी ही चाहिए. कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 के तहत यह अनिवार्य है.
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