राजस्व व भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव ने बैठक में िदये निर्देश
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डीएम, एसएसपी व एसपी बैठक कर निबटाएं भूमि विवाद के मामले
राजस्व व भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव ने बैठक में िदये निर्देश गया : मगध प्रमंडल के प्रमंडलीय सभाकक्ष में साेमवार काे राजस्व, जमाबंदी के डिजिटलाइजेशन, कंपाइलेशन शीट अपडेट करने, दाखिल-खारिज से संबंधित आॅनलाइन आवेदनों, भूमि अर्जन में भुगतान के लंबित मामलों व भूमि विवाद से संबंधित मामलों की समीक्षा राजस्व एवं भूमि सुधार […]
गया : मगध प्रमंडल के प्रमंडलीय सभाकक्ष में साेमवार काे राजस्व, जमाबंदी के डिजिटलाइजेशन, कंपाइलेशन शीट अपडेट करने, दाखिल-खारिज से संबंधित आॅनलाइन आवेदनों, भूमि अर्जन में भुगतान के लंबित मामलों व भूमि विवाद से संबंधित मामलों की समीक्षा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव विवेक सिंह ने की. प्रधान सचिव ने भू-अर्जन के तहत मुआवजे के भुगतान से संबंधित लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी बकायेदारों को गांवों में शिविर लगा कर पारदर्शिता के साथ भुगतान करें.
सीओ व थानाध्यक्ष भी हों गंभीर :
प्रधान सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री जब भी समीक्षा यात्रा पर निकलते हैं, तो सबसे ज्यादा मामले भूमि से संबंधित विवाद के ही आते हैं. इसलिए उन्होंने सभी सीआे व थानाध्यक्षों को सप्ताह में कम-से-कम एक बार बैठक कर भूमि विवाद संबंधित मामलों का निबटारा करने का निर्देश दिया.
प्रधान सचिव ने डीएम, एसएसपी व एसपी को भी बैठक कर भूमि विवाद संबंधी मामलों का निबटारा कराने के लिए कहा. जमाबंदी के डिजिटलाइजेशन की समीक्षा में राज्य भर में अरवल व औरंगाबाद जिले अव्वल पाये गये. लेकिन गया जिले की स्थिति अच्छी नहीं पायी गयी. नीलाम पत्र वाद के मामलों की समीक्षा में भी औरंगाबाद की स्थिति सबसे अच्छी पायी गयी, जहां 20 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है. उन्होंने अन्य जिलों को भी कंपाइलेशन शीट अच्छी तरह से तैयार करने का निर्देश दिया ताकि राजस्व में वृद्धि हो.
अफसरों पर भी होगी कार्रवाई
प्रधान सचिव ने कहा कि 31 मार्च तक जमाबंदी के सभी अभिलेखों की ऑनलाइन एंट्री हो जानी चाहिए. यदि निर्धारित समय के अंदर डिजिटलाइजेशन का कार्य नहीं पूरा किया गया तो संबंधित एडीएम, डीसीएलआर व सीओ के विरुद्ध कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि अब ऑनलाइन दाखिल खारिज के साथ ही ऑनलाइन लगान भी शुरू करने की योजना है व इसके लिए कंपाइलेशन शीट आवश्यक है. उन्होंने इसकी भी समीक्षा की कि अब तक दाखिल खारिज के लिए कितने ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं व कितनों का निबटारा किया गया है. इसके लिए उन्होंने सभी प्रकार के अभिलेख दुरुस्त कर लेने का निर्देश दिया. कंपाइलेशन शीट के द्वारा पहले से निर्धारित लगान व वर्तमान दर पर निर्धारित व्यावसायिक लगान, रैयती व सैरात लगान का आकलन किया जाता है.
गरीबों के लिए रुपये की नहीं है कमी
गरीबों को आवासीय जमीन उपलब्ध कराने के लिए बनायी गयी भूमि क्रय नीति की समीक्षा भी प्रधान सचिव ने की. उन्होंने कहा कि इस योजना में रुपये की कोई कमी नहीं है. अपर समाहर्ता, सीओ के माध्यम से जितने रुपये की मांग करेंगे, उपलब्ध करा दिये जायेंगे. प्रशासन मार्केट वैल्यू पर जमीन खरीद कर गरीबों को उपलब्ध करा सकता है. उन्होंने कहा कि जल निकायों के अतिक्रमण की शिकायत मिलती रहती है. अनेक अंचलों ने रिपाेर्ट किया है
कि उनके यहां जल निकायों का अतिक्रमण नहीं है. उन्होंने पुनः इसकी समीक्षा करने का निर्देश दिया. प्रधान सचिव ने मगध प्रमंडल के आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव से किसी एक भू-अर्जन कार्यालय की व्यापक जांच करा लेने का अनुरोध किया. बैठक के अंत में आयुक्त ने प्रधान सचिव को धन्यवाद ज्ञापित किया. उन्होंने कहा कि सरकार की बहुत सारी अपेक्षाएं हैं. बैठक में नवादा के डीएम कौशल कुमार, औरंगाबाद के डीएम राजीव रंजन महिवाल, गया के उप विकास आयुक्त राघवेंद्र सिंह, आयुक्त के सचिव अफजालुर रहमान, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी व संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.
थानाध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्रों में अपराध पर लगायें लगाम
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