Darbhanga News: बेनीपुर. नये साशी निकाय गठन होते ही अयाची महिला महाविद्यालय बहेड़ा में पदस्थ प्रभारी प्रधानाचार्य, प्रधान लिपिक व वर्सर की छुट्टी कर दी गयी है. विदित हो कि साशी निकाय की बैठक सोमवार की देर शाम की गयी थी. इसमें सदस्यों द्वारा पदेन प्रभारी प्रधानाचार्य प्रवीण कुमार मिश्र, वर्सर रेणु देवी, प्रधान लेखापाल व वर्तमान में प्रधान लिपिक का पदभार संभाल रहे विजय कुमार झा को पद से मुक्त करते हुए नए प्रभारी प्रधानाचार्य के रूप में डॉ अशोक कुमार पाठक, वर्सर के रूप में प्रो. रमेश कुमार झा व लेखापाल का प्रभार इंद्रकांत झा को दिया गया. साथ ही दशकों से प्रधान लिपिक का दायित्व एक बार पुन: काशीकान्त झा को दिया गया है. सभी ने मंगलवार को पदभार ग्रहण कर लिया. मालूम हो कि तत्कालीन जनप्रतिनिधि सदस्य विधायक विनय कुमार चौधरी के कार्यकाल पूरा होने के बाद इसी माह में विश्वविद्यालय द्वारा नये साशी निकाय गठन की अधिसूचना जारी की गयी. इसमें जनप्रतिनिधि सदस्य के रूप में विधान पार्षद सुनील चौधरी को विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के रूप में को नामित किया गया. इसकी बैठक 15 दिन पूर्व हुई थी. उसमें शिक्षाविद के रूप में सुबोध कामति को सदस्यों द्वारा नामित करते हुए उन्हें सचिव व जनप्रतिनिधि सदस्य को अध्यक्ष नियुक्त किया गया. नये सचिव व अध्यक्ष के नियुक्त होते ही महाविद्यालय में तख्ता पलट की राजनीति प्रारंभ हो गयी. सोमवार को आयोजित दूसरी बैठक में ही इन सभी को पदच्युत कर उनके कार्यकाल की जांच के लिए साशी निकाय ने तीन सदस्यीय टीम गठित की. टीम में सदस्य प्रो. रमेश चंद्र झा, प्रो. मुरारी ठाकुर व लिपिक सुधीर कुमार मिश्र को जांच कर 30 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश जारी कर दिया गया है. सचिव सुबोध कामति ने कहा कि पूर्व के प्रभारी प्रधानाचार्य, लेखापाल व वर्सर के विरुद्ध शिक्षक एवं कर्मियों द्वारा की गयी शिकायत के आलोक में यह निर्णय लिया गया है. ज्ञात हो कि इससे पूर्व के साशी निकाय में जनप्रतिनिधि सदस्य के रूप में वर्तमान विधायक, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के रूप में डाॅ लावण्या कीर्ति सिंह काव्या, शिक्षाविद के रूप में मिथिलेश सिंह तथा पदेन सदस्य के रूप में तत्कालीन एसडीओ शंभुनाथ झा थे. एसडीओ को ही निकाय के सदस्यों ने सचिव का दायित्व दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उन्होंने सचिव पद से त्याग पत्र दे दिया था. इसपर सदस्यों ने विश्वविद्यालय प्रतिनिधि को सचिव का दायित्व सौंपा, जिन्होंने तत्कालीन वर्सर प्रो. रेणु कुमारी को ही सचिव का भी दायित्व दे दिया था. इस प्रकार वर्सर ही दोनों पद संभाल रही थी. इधर, नये जनप्रतिनिधि सदस्य के रूप में एक बार फिर विधान पार्षद सुनील चौधरी का महाविद्यालय में इंट्री होते ही शिक्षक व कर्मियों के बीच तख्ता पलट होने की चर्चा शुरू हो गयी थी.
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