Darbhanga News: बहादुरपुर. बेमौसम हुई बारिश से किसानों में कहीं आह तो कहीं वाह की स्थिति बन गयी है. जिन किसानों की अभीतक गेहूं की फसल तैयार नहीं हो सकी, उनके लिए यह बारिश नुकसानदायक के साथ परेशानी बढ़ानेवाली रही. वहीं मक्का व मूंग की खेती करने वालों के लिए यह संजीवनी से कम नहीं है. उन्हें पटवन की समस्या से निजात मिल गयी है. हालांकि इक्का- दुक्का किसानों का ही तेलहन-दलहन की फसल खेतों में लगी है, अथवा उसकी दौनी बांकी है. वहीं जिले के अधिकांश किसानों की गेहूं की फसल अभी तक तैयार नहीं हो सकी है. कुछ प्रखंडों में गेहूं की कटनी भी बांकी है, तो कुछ में कटनी कर खेतों में थ्रेसिंग के लिए जमा है. ऐसे किसानों के लिए यह बारिश नई परेशानी खड़ी कर गयी है. बताया जाता है कि इससे अनाज के स्वरुप पर भी असर पड़ सकता है. किसानों की मानें तो बारिश में भीग जाने के बाद पैदावार भी कम हो जाती है. साथ ही अनाज की चमक भी फीकी पड़ जाती है. इस नजरिए से फसल की अच्छी कीमत मिलने की संभावना कम हो जाती है. इससे किसानों में मायूसी है. हालांकि वैज्ञानिकों व मौसम विभाग ने इसकी पूर्व सूचना जारी कर दिया था. उल्लेखनीय है कि कृषि विभाग के अनुसार रबी के तहत जिले में तेलहन, दलहन की फसल शत-प्रतिशत तैयार कर लिया गया है. गेहूं की फसल करीब 56 प्रतिशत तैयार होने का दावा कर रहा है. 44 प्रतिशत गेहूं की फसल तैयार नहीं हो सका है. जिले के विभिन्न प्रखंडों रबी के तहत गेहूं, तेलहन, दलहन, मक्का सहित अन्य फसलों के लिए एक लाख 13 हजार 556.792 हेक्टेयर में लक्ष्य के विरुद्ध एक लाख 13 हजार 218 हेक्टेयर में आच्छादन किया गया है. इसके तहत गेहूं का लक्ष्य 89 हजार 280 हेक्टेयर के विरुद्ध 88 हजार 800 सौ हेक्टेयर में बोआई की गयी है. इसी प्रकार मक्का के लिए दस हजार 946.9 हेक्टेयर के विरुद्ध दस हजार 896 हेक्टेयर, दलहन के लिए छह हजार 192.31 हेक्टेयर के विरुद्ध छह हजार 367.91 हेक्टेयर में व तेलहन के लिए चार हजार 986.97 हेक्टेयर के विरुद्ध चार हजार 921.783 हेक्टेयर में बोआई की गयी थी.
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