12.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Darbhanga News: सतुआनी आज, वनस्पति संरक्षण का संदेश देनेवाला पर्व जूड़ शीतल कल

Darbhanga News:मिथिला का दो दिवसीय विशिष्ट लोक पर्व जुड़-शीतल की तैयारी पूरी कर ली गयी है.

Darbhanga News: दरभंगा. मिथिला का दो दिवसीय विशिष्ट लोक पर्व जुड़-शीतल की तैयारी पूरी कर ली गयी है. सोमवार को पहले दिन परंपरानुरूप सतुआनी मनाया जायेगा. वहीं दूसरे दिन वनस्पति संरक्षण का संदेश देने वाला जुड़-शीतल मनाया जायेगा. उल्लेखनीय है कि मिथिला में इस पर्व से ही नये साल का अभिनंदन भी किया जाता है. परंपरागत तरीके से सोमवार को लोग भोजन में सत्तू ग्रहण करेंगे. सुबह में घर के बड़े-बुजुर्ग गोसाउन का पूजन करेंगे. परंपरा के तहत पानी से भरा घड़ा दान किया जायेगा. साथ ही मिट्टी के बरतन में सत्तू एवं आम का टिकोला के साथ गुड़ दान किया जायेगा. इसे लेकर रविवार को मिट्टी का घड़ा खरीदने के लिए दिन भर लोग कुंभकार के घर पहुंचते रहे. मौलागंज, बाजितपुर, राज किला के निकट, हसनचक सहित अन्य स्थानों पर मिट्टी के घड़े खरीदते रहे. इसे लेकर आयकर चौक सहित दरभंगा गुदरी के अलावा अन्य बाजारों में भी अस्थायी दुकानें सजा दी गयी थी. सतुआनी के संध्याकाल कढ़ी-बड़ी एवं भात पकाया जायेगा. रात में लोग इसे ग्रहण करेंगे. वैसे इस मौके पर खीर-पुरी बनाने की परंपरा है. बता दें कि सोमवार की शाम पकाया गया कढ़ी-बड़ी व भात मंगलवार को जुड़-शीतल के दिन लोग ग्रहण करेंगे. इसीलिए मिथिला में इसे बसिया पावनि भी कहा जाता है. जुड़-शीतल के दिन पानी में रखे भात के साथ कढ़ी-बड़ी व दही का प्रसाद भगवान को भोग लगाने के साथ चूल्हे पर भी अर्पित किया जाता है. इस दिन चूल्हा नहीं जलाया जाता है. इस मौके पर सब्जी में सोहजन की प्रधानता रहती है. जुड़-शीतल के दिन मंगलवार को पेड़-पौधों में पानी देने की परंपरा है. साथ ही महिलाएं घर के हिस्से में पानी का छिड़काव करने के साथ ही रास्तों पर भी पानी का छींटा मारती है. कहा जाता है कि नई बहूएं अपने भाई के आगमन पर धूल से होने वाली परेशानी काे खत्म करने के लिए ऐसा करती हैं. दरअसल इस त्योहार की परंपरा के बहाने बनस्पति के संरक्षण के लिए पटवन का संदेश देने का प्रयास है. कारण, धूप की तल्खी चरम पर होती है. पानी की जरूरत पौधों को बढ़ जाती है. जुड़-शीतल के दिन सुबह सबेरे घर के बड़े-बुजुर्ग रात में ही जमा कर रखे पानी को अपने से छोटों के सिर पर रखकर जुड़ाते हैं. वहीं इस अवसर पर कीचड़-मिट्टी से होली खेलने का भी विधान है. जगह-जगह दंगल-कुशती का भी आयोजन होता रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel