Darbhanga News: दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि में संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम के छठे दिन सोमवार को दरबार हॉल में छात्रों ने गीत-संगीत, नृत्य व नाटक का मंचन किया. मुख्य अतिथि सह लनामिवि के संगीत व नाटक विभाग की अध्यक्ष प्रो. लावण्य कीर्ति सिंह काव्या ने कहा कि नयी शिक्षा नीति 2020 में भाषाई उन्मुक्तता है. बच्चों द्वारा संस्कृत में दी गयी प्रस्तुति काफी अच्छी है. इस तरह के आयोजन से कला कौशल में विकास होता है. आपसी सांस्कृतिक पकड़ भी मजबूत होती है. प्रो. काव्या ने संस्कृत विश्वविद्यालय के बंद पड़े संगीत व नाटक विभाग को पुनर्जीवित करने का अनुरोध की. अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि सामवेद से गीत संगीत विधा की शुरुआत का प्रमाण मिलता है. 64 कलाओं का वर्णन शास्त्रों में मिलता है. आज का यह कार्यक्रम छात्रों को संगीत एवं नृत्य के लिये प्रेरित करता है. कहा कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय में संगीत विभाग खुलेगा. विशिष्ट अतिथि सह पूर्व कुलानुशासक प्रो. श्रीपति त्रिपाठी ने शास्त्रों में वर्णित गीत संगीत व नाटक की चर्चा की. प्राध्यापक डॉ सत्येंद्र कुमार झा ने भी बच्चों के प्रयास की प्रशंसा की. पीआरओ निशिकांत ने बताया कि आज दरबार हॉल में एक बार फिर पौराणिक यादें उस समय ताजा हो गई, जब बच्चों ने नृत्य व संगीत की छटा बिखेरी. एक समय में यहां महाराजाधिराज द्वारा ऐसे ही सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाते थे. कार्यक्रम के संयोजक डॉ कमलेन्द्र चक्रपाणि थे. संचालन डॉ साधना शर्मा, स्वागत भाषण प्रो. दयानाथ झा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ रामसेवक झा ने किया. मंगलवार की दोपहर दो बजे से दरबार हॉल में संस्कृत सप्ताह समारोह का समापन कार्यक्रम होगा.
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