Darbhanga News: दरभंगा. चंद्रोपासना का पर्व चौठचंद्र के साथ ही शिव एवं पार्वती की आराधना का पर्व तीज मंगलवार को परंपरागत तरीके से संपन्न हो गया. इसे लेकर एक दिन पूर्व से ही परिवारों में उत्सवी वातावरण बना हुआ था. बाजार में जहां चहल-पहल रही, वहीं श्रद्धालु परिवार में अहले सुबह से ही इसकी तैयारी आरंभ हो गयी. व्रतियों ने अन्य महिलाओं के साथ पूजन के पकवान बनाये. चौठचंद्र पूजन के लिए टिकड़ी, पिरूकिया, खीर, पूरी आदि तैयार किये गये. अलग-अलग बांस के बरतन में अर्घ सजाया गया. इसे आंगन मेंं अथवा छत पर अरिपन पर रखा गया. पश्चिम दिशा की ओर अर्घ रखकर शाम ढलने के बाद व्रतियों ने पूजा आरंभ की. विधि-विधानपूर्वक पूजा की. पूजा के लिए अर्घ के साथ ही बीच में खीर का मड़र बनाया गया. उसे पूरी से ढक दिया गया. विभिन्न देवी-देवताओं के साथ चंद्रमा की पूजा की गयी. तत्पश्चात व्रती ने बारी-बारी से अर्घ समर्पित किया. इसमें फल एवं दही की प्रधानता रही. पूजन संपन्न होने के बाद घर के बांकी सदस्यों ने फल आदि लेकर चंद्र दर्शन करते हुए अपनी मनोकामना पूर्ण करने एवं कलंक से बचाये रखने का आशीर्वाद मांगा. तत्पश्चात घर के पुरुष सदस्य ने मड़र को खंडित किया, फिर प्रसाद ग्रहण करने के बाद भोजन ग्रहण किया. भोजन में झिगनी की सब्जी एवं साग की अनिवार्यता रही.
दूसरी ओर तीज पर्व देर रात तक मनाया गया. विभिन्न पकवानों, फल, मिठाई आदि को पूजन स्थल पर सजाकर विधानपूर्वक व्रतियों ने भगवान शिव एवं भगवती पार्वती की आराधना की. इसके बाद अर्घ अर्पित किया. बता दें कि तीज पर्व को लेकर देर रात तक पूजन होता रहा. बुधवार की सुबह सूर्योदय से पूर्व पूजन सामग्री का विसर्जन व्रती निकट के जलाशय में करेंगी.तारडीह प्रतिनिधि
के अनुसार, चौठचंद्र व तीज को लेकर मंगलवार की सुबह से ही आयोजक घरों में चहल-पहल रही. तीज करने वाली व्रती महिलाएं पूजा की सामाग्री की तैयारी में सुबह से ही जुटी रही. व्रतियों ने पवित्र जल में स्नान किया. नये परिधान में देवाधिदेव महादेव व माता पार्वती की पूजा-अर्चना विधि-विधानपूर्वक की. बुधवार की अहले सुबह प्रतिमा को जल में प्रवाहित करने के बाद वे पारण करेंगी. इधर चौठचंद्र को लेकर दिन भर महिलाएं पकवान, फल-फूल की तैयारी में जुटी रही. शाम होते ही आंगन में अरिपन किया. उसपर कलश स्थापित कर सजी डाला समेत दही की मटकुरी को सजाया. चौठचंद्र को अर्घ अर्पित किया. इसके बाद घर के सभी सदस्यों ने हाथ में फल व दही लेकर चंद्रमा को प्रणाम करने के बाद प्रसाद ग्रहण किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

