दरभंगा. शिशु मृत्यु दर का तीसरा सबसे बड़ा कारण डायरिया है. इससे बचाव के लिए “डायरिया से डर नहीं ” अभियान की शुरूआत की गई है. अभियान के तहत पांच साल के बच्चों को दस्त से बचाने के लिए आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका, जन आरोग्य समिति के कर्मी को जानकारी दी जाएगी. केंद्र सरकार के स्टॉप डायरिया के पूरक के रूप में इस अभियान का संचालन ओआरएसएल निर्माता केनव्यू पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया के सहयोग से कर रहा है. कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में डायरिया के प्रति जागरूकता बढ़ाकर उनके व्यवहार में परिवर्तन को प्रोत्साहित करना है. पीएसआइ इंडिया की एसोसिएट डायरेक्टर दीप्ति माथुर ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. भारत सरकार का राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन राज्य सरकारों के साथ मिलकर दस्त की रोकथाम और प्रबंधन में लगातार प्रयासरत है.
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