\\\\टं३३ी१त्र/ू/रकैंपस-शौचाल का गेट कुछ छूट कर तो कुछ टूटकर हुआ अलग \\\\टं३३ी१त्र/रदरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का पीजी बागमती छात्रावास विवि प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेलती आ रही है. करीब 22 लाख की लागत से जीर्णोद्धार किये गये इस छात्रावास की सेहत दूसरी वर्षगांठ मनाने के पहले ही बिगड़ने लगी है. इस छात्रावास के दिवारों एवं छतों पर बरगद एवं पीपल के पेड़ उगने लगे हैं. सभी शौचालय का गेट कुछ छूट कर तो कुछ टूटकर अलग हो चुके हैं. इसके कारण छात्रों को बगैर गेट के ही शौचालय का उपयोग करना पड़ता है. जीर्णोद्धार के उपरांत नैक टीम के निरीक्षण के क्रम में लगायी गयी इस छात्रावास के जेनरेटर का संचालन आजतक नहीं हो पाया है. इस छात्रावास में कार्यरत वार्ड सर्वेंट राधारमण मिश्र एवं सुइपर संजीव कुमार छात्रावास अधीक्षक व अन्य विवि अधिकारियों पर भी सेवा देकर अपनी जिम्मेवारी को इतिश्री कर लेते हैं. नतीजा छात्रों को इस रुप मे ढोना पड़ता है कि न शौचालय की सफाई हो पाती और न ही छात्रों के रहनेवाले रुम की. मापदंड के अनुसार कार्यरत वार्ड सर्वेंट की संख्या वैसे ही कम है. इस छात्रावास मे न डे गार्ड है न नाइट गार्ड. इस कारण न विजिटर्स का कोई लेखा जोखा हो पाता है और न ही वैध और अवैध रुप से रहनेवाले छात्रों की निर्धारित संख्या का पता चल पाता है. छात्रावास अधीक्षक की उदासीनता के कारण वहां पर स्टडी पीरियड भी नहीं चलता है. इसके अलावा अधिकांश रुमों में अधिकृत छात्र के संबंधी फोल्डिंग लगाकर अनधिकृ त रुप से महीनों से रहते आ रहे हैं इतना तक की उक्त छात्रावास के रसोईघर में भी अनधिकृत छात्रों का बसेरा है. प्रशासनिक विफलता का नमूना असमाजिक तत्वो का जमावड़ा उक्त छात्रावास के पिछले हिस्से के गेट के पास भी अधिकांश समय देखने को मिलता है. वह असमाजिक तत्व स्थानीय होने के कारण छात्रावास के छात्र भी उनसे उलझने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं.
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