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\\\\टं३३ी१त्र/ू/ररिविजन में जुटे मैट्रिक परीक्षार्थी

\\\\टं३३ी१त्र/ू/ररिविजन में जुटे मैट्रिक परीक्षार्थी \\\\टं३३ी१त्र/रजिले से शामिल होंगे 45 हजार परीक्षार्थीअभिभावक भी पाल्यों को दे रहे पढने के अनुकूल माहौलयोजनाबद्ध पुनर्रावृति का ले रहे है टिप्सदरभंगा : आगामी 11 मार्च से होनेवाले मैट्रिक परीक्षा को लेकर काउंटडाउन शुरु हो गया है. जिले के करीब 45 हजार छात्र-छात्राआंे ने इस परीक्षा के लिए पंजीयन कराया […]

\\\\टं३३ी१त्र/ू/ररिविजन में जुटे मैट्रिक परीक्षार्थी \\\\टं३३ी१त्र/रजिले से शामिल होंगे 45 हजार परीक्षार्थीअभिभावक भी पाल्यों को दे रहे पढने के अनुकूल माहौलयोजनाबद्ध पुनर्रावृति का ले रहे है टिप्सदरभंगा : आगामी 11 मार्च से होनेवाले मैट्रिक परीक्षा को लेकर काउंटडाउन शुरु हो गया है. जिले के करीब 45 हजार छात्र-छात्राआंे ने इस परीक्षा के लिए पंजीयन कराया है. छात्रों के अधिक संख्या को देखते हुए प्रत्येक विषय की परीक्षा दो पालियों में होगी.प्रत्येक पाली में छात्रों को बांटकर विषयों की परीक्षा ली जायेगी. इसकी तैयारी में जुटे छात्रों का रिविजन का समय आ गया है. जिस परीक्षा से छात्रों के आगे का कैरियर बनता है. उस परीक्षा के लिए इनमें गंभीरता की झलक स्पष्ट देखी जा रही है. मैट्रिक परीक्षा के परिणाम के आधार पर अंतर स्नातक में विज्ञान, कला व वाणिज्य संकाय के लिए मार्ग प्रशस्त होगा. अमूमन इस परीक्षा के विषयों के अंकों के आधार पर विद्यार्थियों को आगे मेडिकल, इंजीनियरिंग, सिविल सेवा अथवा कॉमर्स के आधार पर एमबीए या सीए के लिए कैरियर का निर्धारण होता है. अभिभावक भी इसी परीक्षा के परिणाम के आधार पर भविष्य का ताना-बाना बुनते हैं तथा उस मार्ग पर चलने को प्रेरित करते हैं. पांच विषयों की इस परीक्षा में विद्यार्थियों को प्राय: आगे लिये जानेवाले विषय की जांच होती है. जो छात्र विज्ञान में पिछड़ते है उनमें कला अथवा वाणिज्य विषय पहली पसंद बन जाती है. वहीं शुरुआत से पढाई में अच्छे रहनेवाले विद्यार्थियों के लिए अभिभावक भी उन्हें विज्ञान विषय से आगे की कैरियर चयन का सुझाव देते है. इस प्रकार से अपने कैरियर की इस महत्वपूर्ण परीक्षा केलिए शामिल होनेवाले परीक्षार्थियों को पूरे मनोयोग से इस परीक्षा के विभिन्न विषयों को योजनाबद्ध पुनर्रावृति पर काम करते देखा जा रहा है. उनके अभिभावक भ अपने पाल्यों को पढाई का अनुकूल माहौल देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं, बल्कि माताएं अपने बच्चों के खान पान का पूरा ख्याल रख रही है. हालांकि घरों में बच्चो ंको विभिन्न मनोरंजन के साधनों के उपयोग पर टोका टोकी भी चल रही है. वहीं दोस्तों से मिलने जुलने पर भी थोड़ा बहुत पाबंदी लगी हुई है. मैट्रिक परीक्षा में शामिल होनेवाले परीक्षार्थी योजनाबद्ध पुनरावृति के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों से टिप्स लेते देखे जा रहे हैं. शिक्षक भी अपने विद्यार्थियों को गत वर्षों के प्रश्नों के आधार पर रिविजन का सलाह देते देखेे जा रहे हैं. वहीं बाजार में उपलब्ध कई गाईड का सहारा लेकर बचे समयों में अधिकाधिक अच्छे परिणाम का प्रयास भी करते देखा जा रहा है. क ई छात्रों ने बताया कि स्कूलों में सिलेबस पूरा नहीं होने के कारण उन्हें स्वाध्याय के आधार पर मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. बहरहाल आगामी फरवरी मार्च में होनेवाले विभिन्न परीक्षा को लेकर घर घर का माहौल परीक्षा मय होता जा रहा है.

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