7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

टीएमबीयू की खाद से लहलहाने लगी भागलपुर के किसानों की फसलें, लौट रही है मिट्टी की उर्वरा शक्ति

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में तैयार किया गया जैविक खाद अब भागलपुर की खेत में फसलों को लहलहाने के काम आने लगा है. इस खाद से अब तक 270 किसान लाभान्वित हो चुके हैं. इनमें अधिकतर किसानों को मुफ्त में जैविक खाद दिया गया है, जबकि आर्थिक रूप से समृद्ध कुछ किसानों ने दान राशि देकर खाद लिया है.

आरफीन,भागलपुर. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में तैयार किया गया जैविक खाद अब भागलपुर की कई एकड़ खेत में फसलों को लहलहाने के काम आने लगा है. इस खाद से अब तक 270 किसान लाभान्वित हो चुके हैं. इनमें अधिकतर किसानों को मुफ्त में जैविक खाद दिया गया है, जबकि आर्थिक रूप से समृद्ध कुछ किसानों ने दान राशि देकर खाद लिया है.

मिट्टी की उर्वरा शक्ति लौट आयेगी

विवि का उद्देश्य यह है कि जैविक खाद के उपयोग के बाद किसान इसकी विशेषता से वाकिफ हो जायेंगे. इसके बाद वे रासायनिक खादों से स्वत: दूर हो जायेंगे. इसका असर यह होगा कि फसलें अपेक्षाकृत अधिक पोषित हो सकेंगी और मिट्टी की उर्वरा शक्ति लौट आयेगी.

चार प्रखंड के किसानों को दिया गया जैविक खाद

गौशाला में तैयार जैविक खाद चार प्रखंडों कि किसानों को दिया गया है. इसमें नवगछिया अमरपुर, जगदीशपुर व अकबरनगर के किसानों को दो-दो बोरी मुफ्त में दिया गया है. जबकि आर्थिक रूप से समृद्ध कुछ किसानों को एक सौ में पांच केजी, 175 रुपये में 10 केजी व 300 रुपये में 20 केजी दान राशि के तहत लिया गया है.

जैविक खाद बाजार में उतारने के लिए विवि से गाइड नहीं मिला

पीजी जूलॉजी विभाग में जैविक खाद बनकर तैयार है. लेकिन विवि प्रशासन से बाजार में उतारने के लिए गाइडलाइन प्राप्त नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि खाद बर्बाद नहीं होंगे. लेकिन जैविक खाद तैयार करने वाले क्रीड़ा जरूर मर जायेगा.

टीएमबीयू व गौशाला के बीच हुआ था एमओयू

टीएमबीयू की पूर्व कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता के कार्यकाल में पिछले साल विवि व गोशाला के बीच वर्मी कंपोस्ट को लेकर एमओयू हुआ था. इसके बाद पीजी जूलॉजी विभाग में भी एक यूनिट बनाया गया था. गोशाला में नौ वर्मी कंपोस्ट के पीट बनाये गये थे. दो माह में वर्मी कंपोस्ट सह जैविक खाद तैयार हो जाता है. यूरिया खाद की तुलना में वर्मी कंपोस्ट बहुत ही लाभप्रद है.

जूलॉजी विभाग में देखरेख के अभाव में खाद हो रहा बर्बाद

पीजी जूलॉजी विभाग में भी वर्मी कंपोस्ट के लिए एक पीट बनाया था. जैविक खाद लगभग तैयार है. लेकिन देखरेख के अभाव में बर्बाद हो रहा है. एमओयू की को-ऑर्डिनेटर डॉ रीतू मिश्रा भी टीएमबीयू छोड़कर दूसरे राज्य के विवि में सेवा दे रही है. उनके नहीं रहने से आगे की प्रक्रिया नहीं बढ़ पा रही है.

बोले मंत्री

जैविक खाद को लेकर किसानों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. इसे लेकर गोशाला योजना बनी रही है. गांव के किसानों तक जैविक खाद आसानी से उपलब्ध हो जाये. इस दिशा में भी काम चल रहा है. आगे भी जैविक खाद तैयार करने का सिलसिला जारी रहेगा.

– सुनील जैन, मंत्री गौशाला कमेटी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें