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बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा: आंसर-की के लिए अभ्यर्थियों से लिये गए थे 22-22 हजार, EOU ने 61 FIR पर शुरू की जांच

कैमूर में सिपाही भर्ती परीक्षा में नकल करने वाले गिरोह ने परीक्षा से पहले आने वाले प्रश्नपत्र की आंसर सीट उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक छात्र से 22-22 हजार रुपये लिए गए थे. परीक्षा के दौरान हुई अनियमितता की जांच अब ईओयू कर रही है.

बिहार में सिपाही बहाली परीक्षा के दौरान हुई अनियमितता की जांच आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने शुरू कर दी है. इस को लेकर इओयू की अलग-अलग टीम सोमवार को उन जिलों में गई जहां से परीक्षा के दौरान धांधली की रिपोर्ट आई थी. एडीजी नैय्यर हसनैन खान खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इओयू के एडीजी श्री खान ने बताया कि सिपाही बहाली मामले में सोमवार की देर शाम तक 61 प्राथमिकी विभिन्न जिलों से मिली है. इन सभी कांडों को इओयू के द्वारा टेकओवर कर लिया गया है. इनकी समावेशी रिपोर्ट बनायी जा रही है. भविष्य में भी इस परीक्षा से संबंधित कोई शिकायत मिलती है, तो उनका अनुश्रवण एवं अनुसंधान भी इओयू की टीम करेगी. कई जिलों में परीक्षा में कदाचार के प्रयास को लेकर आपराधिक कांड दर्ज किया गया है. साथ ही कई परीक्षा केंद्रों से कदाचार करते हुए परीक्षार्थी भी पकड़े गये हैं. इन सभी कांडों की रिपोर्ट जिलों से मांगी गयी है.

जांच के दौरान हर पहलू की जांच की जा रही

इओयू अधिकारियों के अनुसार, मामले की जांच के दौरान हर पहलू की जांच की जा रही है. केंद्र के अंदर कुछ अभ्यर्थियों तक आंसर-की कैसे पहुंचा, उनकी जांच में चूक कैसे हुई, इन सभी पहलुओं की भी जांच की जायेगी. इसमें गड़बड़ी वाले केंद्रों के वीक्षक, केंद्राधीक्षक से लेकर अन्य पदाधिकारी भी जांच के दायरे में होंगे. जिनके विरुद्ध भी साक्ष्य पाया जायेगा, उनपर कार्रवाई की जायेगी चाहे वह किसी भी पद पर हों. इसके अलावा गड़बड़ी करने वाले अभ्यर्थियों पर भी सख्त कार्रवाई होगी.

प्रत्येक छात्र से लिए गए 22-22 हजार रुपये

वहीं कैमूर जिले में सिपाही भर्ती परीक्षा में नकल करने वाले गिरोह ने परीक्षा से पहले आने वाले प्रश्नपत्र की आंसर सीट उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक छात्र से 22-22 हजार रुपये गूगल पे व यूपीआइ के माध्यम से लिये थे. कैमूर के डीएम सावन कुमार व एसपी ललित मोहन शर्मा ने गुप्त सूचना के आधार पर सिपाही भर्ती परीक्षा में नकल करने वाले गिरोह का जो खुलासा किया है, उसे गिरोह में शामिल परीक्षार्थियों व केंद्रधीक्षक के मोबाइल को खंगालने व उनके बयान से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.

परीक्षार्थियों से पैसा लेकर कमलेश ने भेजा था आंसर शीट

परीक्षा केंद्र के पास से पकड़े गये धनोज राम ने बताया है कि मोहनिया थाना क्षेत्र के भुंडी टेकारी गांव के रहने वाले कमलेश कुमार जो कि मोहनिया में कोचिंग चलता है, उसने ही सिपाही भर्ती परीक्षा में परीक्षा से पहले प्रश्नों की आंसर शीट कई छात्रों को उपलब्ध करायी थी. इसके एवज में कमलेश ने प्रत्येक छात्र से 22000 रुपये लिये थे. धनोज राम ने भी गूगल पे से कमलेश कुमार को 22000 रुपये आंसर शीट के लिए भेजी थी. इसके बाद कमलेश की ओर से परीक्षा से पहले आंसर शीट उपलब्ध करायी गयी थी. कमलेश ने पैसा लेकर कई छात्रों को परीक्षा से पहले ही आंसर सीट उपलब्ध करायी थी. यह सभी बातें भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज एवं भूपेश गुप्त डिग्री कॉलेज परीक्षा केंद्र से पकड़े गये परीक्षार्थियों के मोबाइल व पूछताछ में सामने आयी हैं.

भभुआ में अब तक 11 लोग गिरफ्तार

पुलिस ने मामले में भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज के प्राचार्य व केंद्र अधीक्षक संजय कुमार सिंह के अलावा छह परीक्षार्थी एवं परीक्षा केंद्र के बाहर से नकल कराने वाले चार लोगों को पकड़ा है. इस मामले में पुलिस ने अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इस मामले में चंद्रभूषण कुमार व बीडीओ भभुआ के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की है.

प्राचार्य के मोबाइल से गिरोह का खुलासा

दरअसल, डीएम और सपा को सूचना मिली थी कि भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज के प्राचार्य संजय कुमार नकल करने वाले गिरोह के साथ मिलकर सिपाही भर्ती परीक्षा में नकल कर रहे हैं. इस सूचना पर डीएम की ओर से भभुआ के प्रखंड विकास पदाधिकारी के नेतृत्व में एक धावा दल का गठन किया और भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज पर छापेमारी करने के लिए पहुंच गये. धावा दल के साथ-साथ डीएम और एसपी भी मामले की गंभीरता को देखते हुए वहां पहुंच गये थे. उन्होंने जब प्राचार्य संजय कुमार के मोबाइल को लेकर उसकी जांच शुरू की, तो उसमें तीन परीक्षार्थियों का एडमिट कार्ड मिला. जब उन तीन परीक्षार्थियों को पकड़ कर तलाशी ली गयी, तो उनके पास से आंसर शीट के अलावा उनके मोबाइल जो कि बाहर खड़े उनके परिजन लिए हुए थे उसे लेकर तलाशी ली गयी, तो उसमें परीक्षा शुरू होने से पहले ही आंसर शीट मोहनिया के कमलेश कुमार द्वारा भेजी गयी थी. उन परीक्षार्थियों एवं प्राचार्य ने बताया कि दूसरी पाली में भी कई परीक्षार्थियों को कमलेश कुमार ने सेटिंग कर आंसर शीट पैसा लेकर उपलब्ध कराया है. इस सूचना पर दूसरी पाली में भी कई परीक्षार्थियों को पकड़ा गया. वहीं परीक्षा केंद्र के बाहर से नकल करने वाले तीन लड़कों को पकड़ा गया. जैसे-जैसे परीक्षार्थी पकड़े जा रहे थे, इस गिरोह में शामिल परीक्षार्थी व अन्य लोगों का नाम पुलिस के सामने आ रहा था. प्राचार्य संजय कुमार के मोबाइल के जरिए पूरे गिरोह का खुलासा डीएम सावन कुमार और एसपी ललित मोहन शर्मा ने किया.

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मास्टरमाइंड कमलेश की तलाश में जुटी पुलिस

सिपाही भर्ती परीक्षा में परीक्षार्थियों को परीक्षा से पहले पैसा लेकर आंसर सीट उपलब्ध कराने वाले मोहनिया के कमलेश कुमार के तलाश में कैमूर पुलिस लगी है. उसके संभावित ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है. अभी तक की जांच में यह पता चला है कि परीक्षा से पहले आंसर शीट पैसा लेकर कमलेश ने ही परीक्षार्थियों को उपलब्ध करायी थी. कमलेश को सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र कहां से मिला या फिर आंसर शीट उसके पास कहां से आयी, यह उसकी गिरफ्तारी के बाद ही पता चल सकेगा. हालांकि, पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि कमलेश ने कितने परीक्षार्थियों को पैसा लेकर इस तरह से आंसर सीट उपलब्ध करायी थी. पुलिस पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए लगातार काम कर रही है.

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इन लोगों की हुई गिरफ्तारी

  • संजय कुमार सिंह, प्राचार्य भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज, पिता स्व. रामलाल सिंह पूर्व विधायक, अखलासपुर

  • रामसेवक राम, पिता प्रमोद राम, ग्राम भोखरी थाना मोहनिया

  • अजित कुमार, पिता नंदकिशोर सिंह, ग्राम सूरजपुरा थाना रामगढ़

  • धनोज राम, पिता प्रमोद राम, ग्राम भोखरी थाना मोहनिया

  • लखेंद्र रजक, पिता रवींद्र बैठा, ग्राम नंदगांव सुहावल थाना चैनपुर

  • सिंधु कुमारी, पिता प्रमोद राम, ग्राम भोखरी थाना मोहनिया

  • बादल कुमार सिंह, पिता मनोज कुमार सिंह, ग्राम नदोखर थाना कुदरा

  • अविनाश कुमार, पिता सुरेंद्र सिंह ग्राम पुनांव थाना बेलांव

  • संजय कुमार, पिता लालबाबू यादव, ग्राम सुंदरी थाना बेलांव

  • गौरव कुमार, पिता वीरेंद्र सिंह यादव, ग्राम खेरेहरा थाना रामगढ़

  • विकास कुमार, पिता भानु प्रताप सिंह, ग्राम नदोखर थान कुदरा

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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