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सन्नी हत्याकांड : अपनी बुनी कहानी में फंस रहा उत्पाद विभाग!, बड़ा सवाल, किसके आदेश पर चलायी गोली?

बेतिया : साठी थाना के बसंतपुर में ग्रामीणों व उत्पाद विभाग के बीच हुई झड़प के दौरान गोली लगने से मुखिया के भतीजे सन्नी की हुई मौत के मामले में पुलिसिया जांच शुरू हो चुकी है. पुलिस यह जानने में जुटी है कि सन्नी आखिर किसकी गोली का शिकार हुआ. वहां माहौल बिगड़ा तो किसने […]

बेतिया : साठी थाना के बसंतपुर में ग्रामीणों व उत्पाद विभाग के बीच हुई झड़प के दौरान गोली लगने से मुखिया के भतीजे सन्नी की हुई मौत के मामले में पुलिसिया जांच शुरू हो चुकी है. पुलिस यह जानने में जुटी है कि सन्नी आखिर किसकी गोली का शिकार हुआ. वहां माहौल बिगड़ा तो किसने और किसके आदेश पर गोली चलाई? गोली क्या सन्नी को ही टारगेट करके चलायी गयी? ऐसे तमाम सवालों के जवाब तलाशने में पुलिस जुटी है. फिलहाल पुलिस की प्रारंभिक जांच की बात करें तो उत्पाद विभाग की छापेमारी टीम अपनी ही बुनी कहानी में फंसती दिख रही है. छापेमारी टीम के उत्पाद दारोगा सुनील कुमार ने अपने बयान में इनकी टीम ओर से गोली चलाने की बात से इंकार किया है, लेकिन वारदात स्थल से बरामद खोखे एसएलआर के हैं.

पुलिस की माने, तो इसका प्रयोग खासतौर सरकारी राइफल में ही होता है. दूसरी तरफ यदि दारोगा की यह बातें सच मान लें कि छीना-झपटी में इनके टीम की राइफल से मैगजीन गिर गया तो यह सवाल उठता है कि सन्नी के सीने को आर-पार करने वाली गोली कौन सी थी? यदि असामजिक तत्वों की ओर से फायरिंग हुई तो क्या उनके पास ऐसे अत्याधुनिक हथियार थे, जो ऐसा कर सके. उत्पाद विभाग के फंसने का तीसरा मामला यह आ रहा है कि यदि असामाजिक तत्वों की ओर से फायरिंग हुई तो वह सन्नी को क्यों टारगेट करते, जबकि उनके निशाने पर दुश्मन के तौर पर उत्पाद विभाग की टीम थी. जांच में जुटी पुलिस की माने तो जिस तरह सन्नी के सीने पर गोली चलाई गई है, वह प्रशिक्षित व्यक्ति ही कर सकता है. फिलहाल उत्पाद विभाग की छापेमारी टीम अपनी ही कहानी में फंसती जा रही है.
स्थानीय पुलिस को नहीं थी छापेमारी की सूचना
बुधवार की अहले सुबह ड्यूटी करने पहुंच गई उत्पाद विभाग की छापेमारी टीम की इस कहानी को यदि सच माने कि वहां असामजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ा और टीम की जान पर बन आई, तो यह सवाल उठता है कि आखिर टीम ने स्थानीय थाने को इसकी सूचना क्यों नहीं दी. स्थानीय थाने की पुलिस को छापेमारी में क्यों नहीं शामिल किया गया. अब मामला बिगड़ने पर उत्पाद विभाग की टीम खुद को पीड़ित बताने पर जुटी है.
अब तक हुई कार्रवाई
25 अप्रैल 2018-10 लीटर चुलाई शराब के साथ बाइक जब्त आरोपित सरल मुखिया फरार
27 अप्रैल 2018 – 10 लीटर चुलाई शराब के साथ अपाची बाइक के साथ मुकेश कुमारको किया गया गिरफ्तार
22 मई 2018 – 05 लीटर चुलाई शराब के साथ बसंतपुर निवासी राजेश साह गिरफ्तार साथ में बाइक भी जब्त
26 जून 2018 – 15 लीटर चुलाई शराब के साथ मनक मुखिया गिरफ्तार, एक बाइक भी जब्त
बसंतपुर में फेल थे उत्पाद व पुलिस विभाग
साठी थाना के बसंतपुर में बुधवार को जो कुछ हुआ वह कानून का सीधे-सीधे उल्लंघन है. लेकिन यह गांव शराब के अवैध कारोबार को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है. कोई ऐसा माह नहीं है जब इस गांव में छापेमारी नहीं हुई हो, लेकिन यहां उत्पाद व पुलिस विभाग पूरी तरह से फेल था. यह पुलिसिया सिस्टम की ही खामियां थी कि यहां शराबबंदी के बाद भी भट्ठियां गुलजार रहती थीं.

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