बस स्टैंड पर यात्री सुविधाओं को लेकर नप गंभीर नहीं, वेटिंग हाल में गंदगी से पल भर ठहरना भी मुश्किल
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दो करोड़ के डाकवाले बस स्टैंड में गंदगी, सुविधाएं नदारद मनमानी
बस स्टैंड पर यात्री सुविधाओं को लेकर नप गंभीर नहीं, वेटिंग हाल में गंदगी से पल भर ठहरना भी मुश्किल जिला मुख्यालय से पटना-मुजफ्फरपुर व अन्य शहरों के लिए पूरे दिन खुलती हैं बसें, तीन हजार से अधिक यात्री रोज करते हैं सफर बस स्टैंड से 2.7 करोड़ रुपये का नगर परिषद ने लिया है […]
जिला मुख्यालय से पटना-मुजफ्फरपुर व अन्य शहरों के लिए पूरे दिन खुलती हैं बसें, तीन हजार से अधिक यात्री
रोज करते हैं सफर
बस स्टैंड से 2.7 करोड़ रुपये का नगर परिषद ने लिया है राजस्व
बेतिया : बस स्टैंड के डाक से दो करोड़ से अधिक रकम वसूलने के बाद नगर परिषद उसे भूल ही गया है. यहां यात्री सुविधाओं को लेकर नगर परिषद बिल्कुल भी संजीदा नहीं है. इसके कारण यात्रियों को परेशानी होती है.
सुविधा देना तो दूर नगर परिषद यहां साफ-सफाई भी कराने को लेकर फिक्रमंद नहीं है. नतीजा बस स्टैंड के मुसाफिरखाने यानी वेटिंग हाल में हालात यूं है कि वहां फैले कचरे के सड़ने से यहां पल भर ठहरना भी मुश्किल है. जहां जगह साफ है, वहां फुटकर दुकानदारों ने अपना अतिक्रमण कर रखा है.
इतना ही नहीं आस-पास के दुकानदार मुसाफिरखाने को अपना निजी वाहन रखने का स्टैंड भी बना लिये हैं. यात्री किराया देकर भी इन सुविधाओं से वंचित है. बस स्टैंड पर यह हाल तब है, जब नगर परिषद बस स्टैंड के डाक से दो करोड़ रुपये का राजस्व वसूलती है. बावजूद इसके यहां सफाई तक नहीं कराई जा रही है.
यात्रियों के बैठने के बनी कुर्सियां भी गंदगी से पटी हुई है. वेटिंग हाल में माह भर पुराने कचरे फैले हुए है, जिसके सड़ने से पूरा परिसर बदबू में डूबा हुआ है. शौचालय की व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है. यहां तक की महिला यात्रियों के मूत्रालय तक नहीं है. पीने के पानी के लिए सरकारी हैंडपंप तो है, लेकिन उसका चबूतरा नहीं होने से उसके चारों ओर कीचड़ पसरा हुआ है. इतना ही नहीं यहां आवारा पशुओं का झुंड भी यात्रियों को दौड़ाने और परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. स्थानीय बस ऑपरेटर एसोसिएशन के लोगों का कहना है कि यात्री सुविधाओं के लिए कई बार नप प्रशासन से कहा गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
रैनबसेरा तो दूर, बैठने
का भी इंतजाम नहीं
यूं तो सरदी के दिनों में दूर-दराज के यात्रियों के लिए स्टैंड पर रैन बसेरे का इंतजाम होता है, लेकिन यहां रैन बसेरा तो दूर यात्रियों के बैठने तक के इंतजाम नहीं है. जबकि गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है. खास यह है कि जिला मुख्यालय का स्टैंड होने के नाते यहां 24 घंटे बसों की आवाजाही रहती है, ऐसे में दूर-दराज के यात्रियों को अब ठिठुर कर रात गुजारनी पड़ रही है. यात्री सुविधाओं के नाम पर यहां बहुत कम संसाधन मुहैया कराये गये हैं़
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