27.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

85 लाख की दवाएं हो गयीं एक्सपायर क्षति. 2013 में हुई थी आपूर्ति

सदर अस्पताल बगैर आदेश दो कंपनियों ने की थी दवाओं की आपूर्ति 631 पैकेट में बंद हैं विभिन्न प्रकार की दवाएं मुफस्सिल थाना के गोदाम में रखी है दवा जांच व कार्रवाई के पेच मेें फंस दवा हुई एक्सपायर मोतिहारी : सदर अस्पताल परिसर स्थित एएनएम छात्रावास से जब्त करीब 85 लाख की दवा व […]

सदर अस्पताल

बगैर आदेश दो कंपनियों ने की थी दवाओं की आपूर्ति
631 पैकेट में बंद हैं विभिन्न प्रकार की दवाएं
मुफस्सिल थाना के गोदाम में रखी है दवा
जांच व कार्रवाई के पेच मेें फंस दवा हुई एक्सपायर
मोतिहारी : सदर अस्पताल परिसर स्थित एएनएम छात्रावास से जब्त करीब 85 लाख की दवा व कार्रवाई के पेंच में फंसकर एक्सपायर हो गयी. मामला था वर्ष 2013 का. जब्त दवा बगैर आदेश के आपूर्ति की गयी थी. जब्त दवा को मुफस्सिल थाना के गोदाम में रखा गया है जबकि प्राथमिकी नगर थाना में दर्ज है.
जब्त दवा के बाबत मिली जानकारी के अनुसार तत्कालीन सिविल सर्जन डाॅ सरोज सिंह के समय टोरेक्स फर्मासिटिकल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी व एक अन्य जी लेबरोटरी की दवा एएनएम छात्रावास में स्टोर किया गया. संबंधित दवा आपूर्तिकर्ता एजेंसी द्वारा स्टोर में दवा प्रति रसीद पर हस्ताक्षर कराने का विरोध तत्कालीन लिपिक द्वारा यह कहते हुए किया गया कि दवा आपूर्ति आदेश की प्रति बगैर हस्ताक्षर नहीं किया जा सकता.
घटना की सूचना पर तत्कालीन डीएम विनय कुमार के निर्देश पर तत्कालीन एसडीओ सदर पंकज कुमार ने दवा जब्त की. घटना को ले एक अगस्त 13 को नगर थाना में कांड संख्या 327/13 दर्ज किया गया, जिसका अनुसंधान पुलिस कर रही है. जब एसडीओ द्वारा जांच की गयी तो दवा आपूर्ति के संदर्भ में कोई संचिका विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं करायी गयी, जिसको ले दवा जब्त कर लिया गया. तत्कालीन डीएम द्वारा स्पष्टीकरण की मांग भी की गयी. सिविल सर्जन से दवा किसके आदेश से आपूर्ति हुई. स्पष्टीकरण का संतोषजनक जवाब नहीं मिला. इस बीच सिविल सर्जन के चहेते एक कर्मी द्वारा कथित फर्जी आपूर्ति आदेश भी बनाया गया, जां कारगर साबित नहीं हुुआ और एजेंसी कोर्ट चली गयी. इस बीच दवा एक्सपायर भी कराया. जानकारों के अनुसार दवाओं की एक्सपायरी तिथि 2015 से जून 2016 तक ही था.
नगर के बदले रखी गयी मुफस्सिल थाने में : सदर अस्पताल में आपूर्ति की गयी करीब 85 लाख की दवा एएनएम छात्रावास से जब्त हुई तो नियमानुसार उसे नगर थाना में रखना चाहिए. लेकिन रखा गया मुफस्सिल थाना परिसर में. वैसे पुलिस अधिकारी रखने का कारण जगह की कमी व जीवन रक्षक दवा बता मुफस्सिल में रखने की बात कहते हैं.
थाने के गोदाम में बंद दवा ़
631 पैकेट की गयी आपूर्ति
पारॉक्सिन 96 पैकेट
एजिथ्रोमाइसिन 46 पैकेट
ट्रेनमेक्स सीरप 55 पैकेट
लोराजोपाम 22 पैकेट
सिटरीजिन 427 पैकेट
हाइड्रोपाराक्साईड 13 पैकेट
दवा मेरे कार्यकाल का नहीं है. विभाग द्वारा जो जवाब मांगा गया वह भेजा गया है. मामला माननीय न्यायालय में है. ऐसे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी.
डाॅ प्रशांत कुमार, सिविल सर्जन, पूर्वी चंपारण
पूर्वी चंपारण जिला

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें