मोतिहारी : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि देश में डेयरी 60 मिलियन ग्रामीण घरेलू किसानों को आजीविका प्रदान करता है. इसकी दो तिहाई आबादी गरीब, लघु और सीमांत किसान व भूमिहीन कृषि मजदूर हैं. यहां बढ़ते दूध उत्पादन से भारत डेयरी राष्ट्रों के बीच एक लीडर के रूप में उभर रहा है. वे सोमवार को दिल्ली में आयोजित गौवंश एवं गौशालाओं पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
कहा कि देश में डेयरी की अपार संभावनाएं है.
हाल के वर्षों में किसानों ने 160 मिलियन टन दूध उत्पादित किया है. कहा कि आज देश में वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से कई वर्षों बाद बोवाइन आनुवंशिक संसाधन विकसित हुए है. इसका परिणाम है कि आज हमारे पास गोपशुओं की 39 नस्लें है. कहा कि सरकार भी देश में गौ पालन को विकसित करने के साथ उत्पादन बढ़ाने को लेकर कई कार्य योजनाओं पर काम कर रही है.
ऐसे में ए टू दूध के विपणन की अलग से व्यवस्था को करने के लिए ओड़ीसा एवं कर्नाटक राज्य को दो-दो करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी है. वही राष्ट्रीय गौकुल मिशन के अंतर्गत अब तक 35 प्रस्तावों को 582.09 करोड़ की राशि के साथ स्वीकृत किया जा चुका है. इस योजना के तहत राज्यों को 14 गोकुल ग्राम स्थापित करने की स्वीकृति दी गयी है. इसके अलावे नस्लों को संरक्षित एवं आनुवंशिक उन्नयन और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से न्यूक्लियस हर्ड की स्थापना की जा रही है.