आइपीएल सहित नेशनल गेम के लिए लगा रहे पैसे
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शहर में लग रहा सट्टा
आइपीएल सहित नेशनल गेम के लिए लगा रहे पैसे मोतिहारी : आइपीएल सहत तमाम नेशनल व इंटरनेशनल गेम पर शहर में सट्टाबाजी का धंधा चल रहा है. इसके चंगुल में ज्यादातर स्कूल व कॉलेज के छात्र फंसे है. शहर के कुछ बड़े व्यवसायी घराने के युवक सट्टाबाजी के कारोबार को बैकडोर से बढ़ावा दे रहे […]
मोतिहारी : आइपीएल सहत तमाम नेशनल व इंटरनेशनल गेम पर शहर में सट्टाबाजी का धंधा चल रहा है. इसके चंगुल में ज्यादातर स्कूल व कॉलेज के छात्र फंसे है. शहर के कुछ बड़े व्यवसायी घराने के युवक सट्टाबाजी के कारोबार को बैकडोर से बढ़ावा दे रहे हैं. सट्टेबाजी का कारोबार कोई दूसरा कर रहा है, जबकि बड़े घराने के युवक सट्टा खेलने वाले छात्रों को 10 से 20 प्रतिशत ब्याज के दर रुपये उपलब्ध करा रहे हैं.
छतौनी छोटाबरियार पुर के सातवीं क्लास के छात्र कमलेश के साथ कुछ ऐसा ही हुआ था. उसने इमरान नामक युवक 20 प्रतिशत ब्याज की दर से 54 हजार रुपये सट्टा खेलने के लिए कर्ज लिया. कर्ज का ब्याज बढ़ने लगा था. उसके कारण कमलेश मानसिक तनाव में आकर शुक्रवार की सुबह घर से फरार हो गया.
सट्टेबाजी का खुलासा कमलेश के वापस आने पर हुआ है, लेकिन शहर में चर्चा है कि सट्टेबाजी में कर्ज से दबकर ज्ञानबाबू चौक के आसपास का एक छात्र आत्म हत्या कर चुका है, जबकि मीना बाजार इलाके का दो युवक घर छोड़ फरार है. दोनों पर करीब 10 से 15 लाख कर्ज होना बताया जा रहा है. शहर के एक होटल व्यवसायी का पुत्र भी सट्टा पर करीब 20 लाख हार चुका है. उसने भी ब्याज पर 10 लाख रुपये लेकर सट्टा हार गया. युवक भी एक व्यवसाय से जुड़ा बताया जा रहा है.
सूत्र बताते है कि सट्टेबाजों का मुख्य अड्डा जानपुल चौक है. पैसे का लेनदेन जानपुल चौक स्थित एक सिनेमा हॉल कैंपस के पास होता है. इसका नजारा आइपीएल मैच के दौरान शहर के दुकान व बाहर टीवी से चिपके युवकों व स्कूली छात्र के बीच देखा जा सकता है, जब वे नये बॉलर के आने के साथ आउट होने से लेकर चौका-छक्का की संभावना पर एक सौ से लेकर पांच हजार तक का सट्टा लगाते है. यहां बताते चले कि कमलेश मधुबन के रुपनी की निवर्तमान मुखिया शीला देवी का पुत्र है. शीला पंचायत से मुखिया का चुनाव लड़ रही है, जबकि किशोरी ठाकुर मधुबन जिला परिषद क्षेत्र संख्या 53 से चुनाव लड़ रहे हैं.
घर में लौटीं खुशियां, खिले मां-पिता के चेहरे: कमलेश के अचानक लापता होने घर की खुशियां ही गायब हो गयी थी, लेकिन रविवार को कमलेश का फोन आने पर मां-पिता के चेहरा खिल उठा. घर की खुशियां वापस लौट आयी.
मुंबई से होता है सट्टे का संचालन : छात्र कमलेश की माने तो सट्टा का संचालन मुंबई से होता है. धंधेबाजों को सट्टा का रेट मुंबई से मिलता है, उसके बाद धंधेबाज छात्रों से टीम के हार-जीत पर सट्टा लगवाते हैं.
कमलेश ने बताया कि कोई सट्टाबाज खिलाड़ी अगर जितने वाली टीम पर (रेट फिक्स के अनुसार) अगर दो हजार का सट्टा लगाता है तो टीम के जितने पर धंधेबाज उसे तीन हजार देते हैं, यानी एक हजार का मुनाफा होता है, लेकिन अगर टीम हार गयी तो सट्टा खेलने वाले का दो हजार रुपये डूब जाता है.
विक्की व अजय हैं मुख्य धंधेबाज : शहर के पचमंदीर का रहने वाला विक्की व जानपुल चौक का एजे उर्फ अजय शहर में सट्टेबाजी का धंधा करता है. कमलेश ने बताया कि विक्की व अजय के लिए पचमंदीर का नीरज, प्रकाश, जानपुल का मुन्ना, अमित, छोटा बरियारपुर का संतोष व इमरान काम करते हैं. स्कूल व कॉलेज के छात्रों को अपने जाल में फंस कर सट्टा में पैसा लगवाते हैं. उनका सूद-ब्याज का धंधा भी सट्टेबाजी के आड़ में फलता-फुलता है. 10 से 20 प्रतिशत की दर से सट्टा खेलने के लिए पैसा देते हैं.
कर्ज में डूब एक छात्र कर चुका है सुसाइड कर्ज के बोझ से तंग आ तीन ने घर छोड़ा
सूदखोर दे रहे सट्टा कारोबार को बढ़ावा
10 से 20 प्रतिशत ब्याज पर दे रहे पैसे
कई व्यवसायियों का कारोबार चौपट
क्या कहते हैं अधिकारी
शहर में सट्टाबाजी के धंधे का खुलासा हुआ है. जिन लोगों का नाम सामने आया है, उनका सत्यापन किया जा रहा है. नगर व छतौनी पुलिस को सट्टाबाजों के संबंध में विशेष जानकारी जुटाने का निर्देश दिया गया है. सट्टाबाजों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
जितेंद्र राणा, पुलिस अधीक्षक, पूर्वी चंपारण
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