आज से मांगलिक कार्य शुरू
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मकर संक्रांति आज, तिलकुट-लाई की जमकर खरीदारी
आज से मांगलिक कार्य शुरू संक्रांति काल- सुबह 7:21 बजे से पुण्यकाल- सुबह 7:21 से दोपहर 12:32 तक महापुण्यकाल-सुबह 7:21 से 9:05 बजे तक मोतिहारी : इस बार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 15 जनवरी को हो रहा है, जिसको ले मकर संक्रांति बुधवार को होगी. इस पर्व को खिचड़ी के नाम से भी […]
संक्रांति काल- सुबह 7:21 बजे से
पुण्यकाल- सुबह 7:21 से दोपहर 12:32 तक
महापुण्यकाल-सुबह 7:21 से 9:05 बजे तक
मोतिहारी : इस बार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 15 जनवरी को हो रहा है, जिसको ले मकर संक्रांति बुधवार को होगी. इस पर्व को खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन से सूर्य दक्षिणायन से उतरायण में प्रवेश कर जाते हैं. इसके साथ ही एक माह से रुके मांगलिक कार्य भी शुरू हो जायेंगे.
14 जनवरी की रात 2:45 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा. अगले दिन सुबह स्नान कर दान किया जायेगी. आचार्यों के अनुसार विभिन्न राशि के जातकों को नियमानुसार दान करना चाहिए, इससे पुण्य में वृद्धि होगी. वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पांडेय व रुद्रनाथ चौबे के अनुसार दान करने से यज्ञ के बराबर फल मिलता है.
पर्व को ले गुड़ से बने तिलकुट की जबर्दस्त डिमांड है. इसके अलावा गुड़ से बने मुरही व चूड़ा लाई की खरीदारी जमकर हो रही है. तिलकुट बाजार में 250-350 तक है. पिछले तीन-चार दिनों से गुड़ बाजार मे भी रौनकता है. गली-मोहल्लों व चौक-चौराहों पर ठेला पर भी लाई की बिक्री हो रही है. मीना बाजार, बलुआ, मंगल सेमिनरी गेट, जानपुल, हेनरी बाजार, छतौनी, कचहरी चौक आदि पर भी लाई व तिलकुद की दुकानें सजी है.
हर जगह लगा है गया के तिलकुट का बोर्ड : शहर के गांधी चौक से लेकर हेनरी बाजार, बलुआ आदि में भी तिलकुट की बिक्री जमकर हो रही है. दिन-रात कारीगर तिलकुट बना रहे हैं. इस बार गया से भी कारीगर बुलाये गये हैं. कुछ दुकानदार ऐसे हैं, जो स्थानीय स्तर पर तिलकुट बनाने का तरीका सीखने के बाद गया का तिलकुट वाला लिखकर बोर्ड लगा लिये हैं. ऐसे में असली गया का तिलकुट कौन दुकानदार बेच रहे हैं यह लोगों में असंमजस की स्थिति बन गयी है.
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