मोतिहारी : शहर में बेहतर पूजा पंडाल बनाने की होड़ मची हुई है. वैसे में छतौनी दुर्गा पूजा समिति भी पीछे नहीं है. प्रत्येक साल बेहतर पूजा का आयोजन, बेहतर पंडाल, बेहतर साज-सज्जा भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है. इस बार पूजा समिति अपने 29वें वर्ष में प्रवेश कर रही है. यहां 1990 से पूजा शुरू हुआ था.
चार वर्षों तक पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मण प्रसाद के घर से समीप होता था. बाद में यह पूजा छतौनी बस स्टैंड स्थित बौधि स्थान के पास होने लगी. वहां पूजा की भव्यता और बढ़ने लगी. धीरे-धीरे यह पूजा चर्चा का विषय बनने लगा. पूजा समिति के अध्यक्ष अमीत कुमार बताते है कि पिछले साल सात लाख रुपया खर्च हुआ था.
इस बार लगभग नौ लाख रुपया खर्च का लक्ष्य है. यहां पिछले 29 वर्षों से एक ही कारीगर सुशील पंडित, मूर्ति गली मुजफ्फरपुर द्वारा मूर्ति का निर्माण किया जाता है. अध्यक्ष ने बताया कि इस बार भक्तों को कोलकाता के बिरला मंदिर की झांकी देखने को मिलेगी. इस बार पूजा में सबसे आकर्षक का केंद्र होगा मां दुर्गा पांच शेर पर सवार होकर आ रही है और महिषासुर का बध कर रही है.
बौधि स्थान का महत्व : इस पूजा पंडाल के समीप बौधि माई स्थान है, जो सिद्धपीठ है. यहां जो भी मन्नतें मांगी जाती है. वह पूर्ण होती है. यहां बहुत पुराना बरगद का पेड़ है, जिसमें पीपल और बरगद का पेड़ एक साथ निकला है. इस स्थल पर दशहरा एवं नागपंचमी के दिन नाग देवता कभी भी किसी समय निकल कर लोगों को दर्शन देते है. इस मंदिर में भगवान विष्णु, भगवान शंकर का लिंग स्थापित है. अब समिति द्वारा मां पार्वती व हनुमान जी की मूर्ति स्थापित किया जाना है.
समिति के सदस्यगण : सचिव रिंकू सिंह, कोषाध्यक्ष विवेक किशोर उर्फ पप्पू जी, संरक्षक संजय यादव सहित अन्य सदस्य पूजा को बेहतर करने की तैयारी में जुटे हैं.