कार्यालय पहुंच कर महिला ने खुद के जिंदा होने का दिया सबूत
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डेथ सर्टिफिकेट बना उठा लिया पॉलिसी का चार लाख
कार्यालय पहुंच कर महिला ने खुद के जिंदा होने का दिया सबूत अधिकारियों ने महिला की एक नहीं सुनी एलआईसी के शाखा प्रबंधक पर छतौनी थाने में प्राथमिकी दर्ज मोतिहारी : एलआईसी कार्यालय में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. जिंदा महिला को मृत दिखा उसके चार लाख की पॉलिसी का उठाव कर लिया गया […]
अधिकारियों ने महिला की एक नहीं सुनी
एलआईसी के शाखा प्रबंधक पर छतौनी थाने में प्राथमिकी दर्ज
मोतिहारी : एलआईसी कार्यालय में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. जिंदा महिला को मृत दिखा उसके चार लाख की पॉलिसी का उठाव कर लिया गया है. एजेंट के साथ महिला जब प्रीमियम जमा करने कार्यालय गयी, तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.
बताया गया कि आपकी पॉलिसी राशि का भुगतान हो चुका है. यहां तक कि कार्यालय में जमा उसका डेथ सर्टिफिकेट भी उसे दिखाया गया. वह एलआइसी के अधिकारियों के सामने खड़ी होकर अपने जिंदा होने की प्रमाण देती रही, लेकिन उसकी बातों पर किसी ने नोटिस लिया. उसे डांट कर भगा दिया गया.
इसको लेकर संग्रामपुर भवानीपुर की महिला सरस्वती देवी ने एलआइसी के शाखा प्रबंधक उमेशचंद्र तिवारी के खिलाफ छतौनी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. उन्होंने प्रबंधक पर जालसजों के साथ मिल पॉलिसी राशि उठाने का आरोप लगाया है. छतौनी इंस्पेक्टर मुकेशचंद्र कुमार ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है. सरस्वती देवी ने बताया एजेंट चंद्रभूषण पांडेय से 2012 में बीमा करवायी थी. तब से 1425 रुपये वार्षिक प्रीमियम जमा कर रही है.
17 जनवरी 2019 को एजेंट उसका प्रीमियम जमा करने कार्यालय पहुंचा तो उसे बताया गया कि बीमाकर्ता का निधन हो चुका है. उसकी चार लाख की पॉलिसी राशि का भुगतान भी कर दिया गया है. उन्होंने सरस्वती देवी को इसकी जानकारी दी. सरस्वती ने कार्यालय पहुंच जांच-पड़ताल करायी. उसे बताया गया कि बीमाकर्ता के डेथ क्लेम पर पॉलिसी राशि का भुगतान कर दिया गया है.
सरस्वती का कहना है कि शाखा प्रबंधक से मिलने पर उन्होंने अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ लिया. कहा कि इसका जिम्मेवार मैं नहीं हूं. पॉलिसी का भुगतान लुधियाना न्यू ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया गया है. जहां जाना है जाओ. सरस्वती ने शाखा प्रबंधक के पास वकालतन नोटिस भेजा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. बताते चले कि इससे पहले भी एलआईसी में बड़ा घोटाला हुआ था. मृत व्यक्ति को जिंदा बता उसका पॉलिसी करा राशि का बंदरबाट किया गया था. इसकी जांच अभी चल ही रही है.
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