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मोतिहारी के अल्पावास गृह की महिलाएं व बच्चियां भी हुई हैं यातना की शिकार, सखी संस्था पर प्राथमिकी दर्ज
मोतिहारी : रघुनाथपुर स्थित अल्पावास गृह में रहने वाली मानसिक रूप से बीमार महिलाओं व बच्चियां भी यातना की शिकार हुई हैं. इसका खुलासा टिस संस्था की रिपोर्ट से हुआ है. टिस के सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट के आधार पर स्वयंसेवी संस्था ‘सखी’ के विरुद्ध रघुनाथपुर ओपी में मामला दर्ज हुआ है. जिला प्रोग्राम पदाधिकारी प्रतिमा […]
मोतिहारी : रघुनाथपुर स्थित अल्पावास गृह में रहने वाली मानसिक रूप से बीमार महिलाओं व बच्चियां भी यातना की शिकार हुई हैं. इसका खुलासा टिस संस्था की रिपोर्ट से हुआ है. टिस के सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट के आधार पर स्वयंसेवी संस्था ‘सखी’ के विरुद्ध रघुनाथपुर ओपी में मामला दर्ज हुआ है. जिला प्रोग्राम पदाधिकारी प्रतिमा कुमारी गिरि ने सखी संस्था के संचालक व कर्मियों पर रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कराया है.
टिस ने जांच रिपोर्ट में कहा है कि अल्पावास गृह में रहने वाली मानसिक रूप से बीमार महिलाओं व बच्चों के साथ काफी बुरा बरताव किया जाता है. उनके साथ मारपीट की जाती है. अमर्यादित व्यवहार भी उनके साथ किया जाता है. यह तमाम आरोप अल्पावास गृह के संचालक व कर्मियों पर लगा है. टिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में इसका भी खुलासा किया है कि महिलाओं व बच्चियों को यातना देने के साथ-साथ अल्पावास गृह के संचालन में काफी लापरवाही बरती जा रही है.
अल्पावास गृह के संचालन पर टिस ने असंतोष जताते हुए अपनी रिपोर्ट सौंपी है. हालांकि इस रिपोर्ट को संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने दबाने का पूरा प्रयास किया.संचालक व कर्मियों को कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए महिला विकास निगम पटना के निर्देश पर दो जुलाई 2018 को सखी संस्था द्वारा रघुनाथपुर में संचालित अल्पावास गृह को संचालन कार्य से मुक्त कर दिया गया. मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों के यौनशोषण का मामला सामने आने पर आनन-फानन में शनिवार को सखी संस्था के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया.
टिस ने समाज कल्याण विभाग को सौंपी थी रिपोर्ट
टिस की सामाजिक अंकेक्षण टीम ने मई महीने में रघुनाथपुर स्थित महिला अल्पावास गृह का निरीक्षण किया था. उस समय अल्पावास गृह में पांच महिला व बच्चियां थीं. उन्होंने टिस की टीम को अपनी आपबीती सुनायी थी. इसके आधार पर समाज कल्याण विभाग पटना को जांच रिपोर्ट सौंपी गयी थी.
एक ससुराल व दूसरी भेजी गयी थी बालिका गृह
महिला विकास निगम के निर्देश पर दो जुलाई से अल्पावास गृह को संचालन कार्य से मुक्त किया गया. उस समय वहां एक महिला व एक लड़की थी. लड़की को बालिका गृह में शिफ्ट किया गया, जबकि कोर्ट के आदेश पर महिला को ससुराल भेज दिया गया. पुनर्वास पदाधिकारी बबिता देवी ने यह जानकारी दी.
हाईकोर्ट के वकीलों ने किया मुजफ्फरपुर बालिका गृह का निरीक्षण
मुजफ्फरपुर : पटना हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ की पांच सदस्यीय टीम ने शनिवार काे बालिका गृह का निरीक्षण किया. टीम के वरीय अधिवक्ता योगेंद्र चंद्र वर्मा के नेतृत्व में टीम मुजफ्फरपुर आयी थी. साथ में सिविल कोर्ट के भी वकील थे. दोपहर दो बजे वकीलों की टीम बालिका गृह पहुंची, जहां सील बालिका गृह को बाहर से देखा. योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि पूरे विश्व में इससे जघन्य अपराध नहीं हो सकता है. वैश्विक स्तर पर इससे बिहार और देश की छवि धूमिल हुई है.
सबसे शर्मनाक और चिंताजनक बात है घटना मुजफ्फरपुर शहर के अंदर हुई और किसी को खबर तक नहीं हुई. उन्होंने 34 लड़कियों के अलग-अलग केस करने मांग की. कहा कि सिर्फ एक केस से न्याय नहीं हो सकता है. इसके अलावा सीबीआई जांच तीन महीने में पूरी होनी चाहिए. योगेश वर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मिलकर मामले में मानीटरिंग करने की मांग करेंगे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट भी जायेंगे. तथ्यों का संग्रह कर हाईकोर्ट व सरकार को भी अपनी रिपोर्ट देंगे. टीम में वीरेंद्र नाथ मिश्र, शैलेंद्र कुमार, अमरेंद्र कुमार सिन्हा, रामजीवन प्रसाद सिंह शामिल थे. उनके साथ सिविल कोर्ट के अधिवक्ता ललितेश्वर मिश्र भी मौजूद रहे.
स्पेशल कोर्ट और महिला जज की मांग
हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने बालिका गृह कांड की ट्रायल स्पेशल कोर्ट में कराने और वहां महिला जज नियुक्त करने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि ट्रायल पूरी करने के लिए एक समय सीमा तय होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक स्पेशल कोर्ट गठित नहीं किया जाएगा मामले में पूरी तरह पारदर्शिता नहीं बरती जा सकती है.
सरकार के समक्ष रखी सात सूत्री मांग
हाईकाेर्ट मानिटरिंग करे, तीन महीने में सीबीआई जांच पूरी हो, स्पेशल कोर्ट और महिला जज की नियुक्ति हो, पूरे बिहार में काम कर रही एनजीओ पर सरकार नीति बनाए, लड़कियों के पुनर्वास की व्यवस्था हो, ऐसे एनजीओ से फंड वसूला जाए.
मधुबनी : खाना खाने के बाद थाली धोने को लेकर छात्राओं के बीच हुआ था विवाद
खुटौना (मधुबनी) : गांधी चौक से पूरब उत्क्रमित कन्या विद्यालय से शनिवार को स्कूल में छुट्टी होने के बाद आवासीय कस्तूरबा विद्यालय जा रही छात्राओं को असामाजिक लोगों लाठी-डंडे से बेरहमी से पीटा. इसमें एक दर्जन से अधिक छात्राएं घायल हो गयी हैं.
उनको पीएचसी में भर्ती कराया गया है. घटना की जानकारी होते ही प्रमुख आरपी मंडल, बीडीओ सुजीत कुमार राउत, थाना प्रभारी राजीव कुमार आजाद, ललमनियां थाना प्रभारी मनोज कुमार सहित अन्य अधिकारी पहुंचे. स्थिति का जायजा लिया. पुलिस व बीडीओ को दिये बयान में छात्राओं ने कहा है कि उत्क्रमित विद्यालय में शनिवार को खाना खाने के बाद चापाकल पर थाली धोने के दौरान छात्राओं के बीच कहा सुनी व झगड़ा हुआ था.
इसकी शिकायत वहां की कुछ छात्राओं ने अपने अभिभावकों से की. स्कूल में छुट्टी होने पर छात्राएं वापस कस्तूरबा विद्यालय आने लगीं, तो रास्ते में लाठी-डंडे लिए दो दर्जन महिला-पुरुषों ने छात्राओं की पिटाई शुरू कर दी. इस घटना में जलेखा खातून, प्रीति कुमारी, गुड़िया कुमारी, पूजा कुमारी, कोमल कुमारी, गीता कुमारी तथा कुचन कुमारी समेत एक दर्जन छात्राएं घायल हो गयी हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लोगों ने छात्राओं को पटक कर बाल पकड़ कर बुरी तरह घसीटा. इससे छात्राओं की पीठ, पैर व जांघ में काफी चोट आयी है.
इस दौरान छात्राओं ने बीडीओ व थाना पुलिस को स्थानीय युवकों द्वारा विद्यालय से कस्तूरबा विद्यालय आने जाने के क्रम में फब्तियां कसने की भी शिकायत की. छात्राओं ने कहा कि राह चलते युवक फब्तियां कसते हैं. धमकी भी देते हैं. बताते चलें कि उत्क्रमित कन्या विद्यालय व कस्तूरबा विद्यालय की दूरी डेढ़ किलोमीटर है. इलाज कर रहे डॉ. श्याम कुमार, सिंहेश्वर साह और डॉ. अब्दुल मालिक ने बताया कि सभी छात्राअों को काफी चोटें लगी हैं.
शरीर पर जख्म के निशान भी हैं. बढ़ती भीड़ को देखते हुए खुटौना थानाध्यक्ष राजीव कुमार आजाद एवं ललमनियां थाना प्रभारी मनोज कुमार ने स्थिति को नियंत्रित किया. पीएचसी परिसर में मौजूद बीडीओ श्री राउत ने बताया कि मामला अभी दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उमेश राय को इस मामले की जांच कर जल्द कार्रवाई करने को कहा गया है. जानकारी मिलते ही ईश्वर गुरमैता, मिंटू शहजादा, बालकृष्ण सिंह, दिलीप कुमार दिवाकर, मो. मदनी सहित क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि पीएचसी पहुंचकर घायल छात्राओं की सुधि ली.
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