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संविदा कर्मियों की हड़ताल से तीसरे दिन भी ठप रहीं स्वास्थ्य सेवाएं
मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा प्रदर्शन मोतिहारी : संविदा पर बहाल स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल के कारण बुधवार को भी सदर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा छोड़ सभी सेवा बाधित रही. हड़तालियों ने सरकार विरोधी नारे लगाये और समान काम के लिए समान वेतन की मांग की. संघ के विनय कुमार ने बताया कि जिले […]
मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा प्रदर्शन
मोतिहारी : संविदा पर बहाल स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल के कारण बुधवार को भी सदर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा छोड़ सभी सेवा बाधित रही. हड़तालियों ने सरकार विरोधी नारे लगाये और समान काम के लिए समान वेतन की मांग की. संघ के विनय कुमार ने बताया कि जिले में लगभग पांच हजार संविदा पर कार्यरत कर्मचारी व अधिकारी है. उन्होंने दावा किया कि ओपीडी सेवा को पूर्णत: बाधित किया गया है. इधर अस्पताल उपाधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि इमरजेंसी में लगभग 20-25 मरीज को देखा गया और प्रसव पीड़ित महिलाओं को इलाज हुआ.
घोड़ासहन. स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति सरकार के उदासीन नीति की वजह से बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घोड़ासहन में कार्यरत संविदा कर्मचारी व चिकित्सक अपने सात सूत्री मांगों के समर्थन में चार दिसंबर से बेमियादी हड़ताल पर हैं.
हड़ताल में शामिल डॉक्टर रामनरेश प्रसाद ने बताया कि सभी कर्मचारियों का 65 वर्ष की आयु तक स्थायी सेवा, समान काम-समान वेतन, संजीवनी डाटा ऑपरेटर का जिला स्वास्थ्य समिति में बिना शर्त समायोजन तथा आशा -ममता कार्यकर्ता के मानदेय का निर्धारण आदि मांगे जब तक सरकार द्वारा नहीं मानी जाती है, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी. हड़ताल में शामिल स्वास्थ्य कर्मी में मुख्य रूप से डॉ. कृष्ण मुरारी प्रसाद, स्वास्थ्य प्रबंधक मंटू कुमार चौबे, बीसीएम नजीबु रहमान, शैलेंद्र कुमार राजकपूर, दिलीप सिंह, सुमित कुमार, केशव श्रीवास्तव समेत प्रखंड स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के सभी कर्मी, अनुबंधित चिकित्सक, आयुष चिकित्सक, आरबीएसके चिकित्सक, ममता कार्यकर्ता आदि शामिल हैं.
पीपराकोठी. संविदा पर बहाल स्वास्थ्य कर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण पूरी तरह से स्वास्थ्य सेवा ठप हो गई है. प्रखंड क्षेत्र के झखरा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आंदोलनरत स्वास्थ्य कर्मियों ने पीएचसी में तालाबंदी कर धरना पर बैठे हैं. धरना का नेतृत्व अनिल कुमार ने किया. धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए श्री कुमार ने कहा कि सरकार की नीति स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति अच्छी नहीं है.
राज्य स्तरीय संगठन के आह्वान पर हमारा चरणबद्ध आंदोलन जारी है और जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. उनकी मुख्य मांगे सेवा नियमित करने, समान काम के बदले समान वेतन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत कर्मियों का नये सिरे से वेतनमान का निर्धारण करने, संजीवनी डाटा आॅपरेटर और सभी एंबुलेंस कर्मियों का आउटसोर्सिंग से मुक्त करते हुए जिला स्वास्थ्य समिति से नियोजित करने के साथ आशा, ममता कार्यकर्ताओं एवं कुरियर के मानदेय के निर्धारण करने सहित कई मांगे शामिल हैं. धरना में मुख्य रूप से आशा फैसिलेटर सविता पांडेय, ललिता देवी सहित कई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे.
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