विडंबना. विभागीय लापरवाही से नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ
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आधुनिक सुविधाओं से लैस सदर में खाली है शिशु वार्ड
विडंबना. विभागीय लापरवाही से नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ नहीं आते हैं चिकित्सक मोतिहारी : विभागीय उदासीनता के कारण सदर अस्पताल के शिशु वार्ड सभी आधुनिक सुविधाएं से लैस होने के बावजूद भी उसके सभी बेड खाली पड़े है. वही अस्पताल प्रशासन की तरफ से बच्चों के इलाज के लिए कागजों में तीन चिकित्सकों […]
नहीं आते हैं चिकित्सक
मोतिहारी : विभागीय उदासीनता के कारण सदर अस्पताल के शिशु वार्ड सभी आधुनिक सुविधाएं से लैस होने के बावजूद भी उसके सभी बेड खाली पड़े है. वही अस्पताल प्रशासन की तरफ से बच्चों के इलाज के लिए कागजों में तीन चिकित्सकों की तैनाती हुई है. जिसमें डाॅ पकंज, डाॅ अमृतांशु, डाॅ पीकेपी
साही शामिल हैं, जबकि एक भी चिकित्सक ससमय अस्पताल में मौजूद नहीं रहते हैं.
बताया जाता है कि मोतिहारी जिले की कुल अाबादी 70 लाख है. लेकिन जब से शिशु वार्ड की नींव रखी गयी है. उस समय से लेकर वर्तमान समय तक एक भी बच्चे का इलाज शिशु वार्ड में नहीं हुआ. इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद एक भी बच्चे के माता-पिता इलाज के लिए नहीं आते हैं. इसके विपरीत निजी डाॅक्टर के क्लिनिक पर लंबी लंबी लाइने लगी रहती है. लोग दो दिन पहले नंबर लगाकर इंतजार करना पसंद करते है. लेकिन सरकारी अस्पताल में जाना पसंद नहीं करते है.
प्राइवेट में बच्चों के इलाज कराने के लिए लोग इतने जागरूक है कि कंपाउंडर से भी जान पहचान रखते है. जिससे इनके बच्चों के इलाज कराने में कोई असुविधा नहीं हो. वही सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डाक्टरों के नाम से भी परिचित नहीं होते है. इस संबंध में अस्पताल प्रबंध विजय झा ने बताया कि वार्ड में बेड, एसी, टीवी, दवाइयां उपलब्ध है. इसके बावजूद लोगों का इस तरफ रुख नहीं होना एक सवाल है.
उधर, उपाधीक्षक डाॅ. मनोज कुमार ने बताया कि इनडोर में डाक्टर बैठते हैं, लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी है.
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