मोतिहारी : पुलिस को कांग्रेस नेता के पुत्र छोटू जायसवाल हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए अनुसंधान का सही रास्ता नहीं मिल रहा. मृतक के पिता कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष मुनमुन जायसवाल द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद पुलिस की परेशानी बढ़ गयी है. उन्होंने हत्या के पीछे राजनीतिक व आपराधिक षड्यंत्र का आरोप लगाया है,
लेकिन किसी व्यक्ति विशेष को आरोपित नहीं किया है. यहीं कारण है कि पुलिस पहले से ज्यादा परेशान नजर आ रही है. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर छोटू का राजनीतिक कद बढ़ने से किसको ह्रास्य हो रहा था. इससे इतर पुलिस छोटू के कारोबार से जुड़े लोगों को भी शक की निगाह से देख रही है. उसका जमीन खरीद-बिक्री से लेकर सूद-ब्याज का कारोबार था. पुलिस को शक है कि कहीं जमीन कारोबार या पैसे की लेन-देन में तो हत्या नहीं हुई.
एसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने सोमवार को मुफस्सिल थाने में पुलिस पदाधिकारियों के साथ बैठक कर अबतक के अनुसंधान की समीक्षा की. कई बिंदुओं पर पदाधिकारियों को छानबीन का निर्देश दिया है. बताया जाता है कि पुलिस अबतक 20-25 लोगों से पूछताछ कर चुकी है. उनसे हत्या का सुराग नहीं मिला, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया. हालांकि, सोमवार को भी तीन लोगों को हिरासत में लिया गया. वहीं एक आपाची बाइक भी रिकवर की गयी. हिरासत में लिये गये लोगों से गहन पूछताछ चल रही है. बैठक में सदर डीएसपी पंकज कुमार रावत, नगर इंस्पेक्टर आनंद कुमार, छतौनी इंस्पेक्टर विजय कुमार यादव, मुफस्सिल थानाध्यक्ष अरविंद प्रसाद के अलावे अन्य पदाधिकारी शामिल थे.