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डुमरिया में फूड प्वॉयजनिंग से 17 गायों की मौत

डुमरियाघाट (मोतिहारी) : संग्रामपुर प्रखंड के डुमरिया पंचायत अंतर्गत विश्रामपुर दुबौली गांव में रविवार देर शाम एक साथ अचानक करीब बीस मवेशियों की मौत हो गयी. मवेशियों के मौत का अभी तक सही खुलासा नहीं हो पाया है. मवेशियों में पंद्रह गाय, दो गाय का बछड़ा व एक भैंस है. बता दें कि पशुपालक शनिवार […]

डुमरियाघाट (मोतिहारी) : संग्रामपुर प्रखंड के डुमरिया पंचायत अंतर्गत विश्रामपुर दुबौली गांव में रविवार देर शाम एक साथ अचानक करीब बीस मवेशियों की मौत हो गयी. मवेशियों के मौत का अभी तक सही खुलासा नहीं हो पाया है. मवेशियों में पंद्रह गाय, दो गाय का बछड़ा व एक भैंस है.

बता दें कि पशुपालक शनिवार को गंडक नदी के किनारे डुमरियाघाट पर अपने मवेशियों को चराने ले गये थे. मवेशियों को संध्या के समय वापस लेकर अपने अपने घर आये. रात के समय मवेशी बेचैन होकर छटपटाने लगे. अचानक मवेशियों को बीमार होता देख पशुपालकों में अफरा-तफरी मच गयी. आनन-फानन में लोगों ने स्थानीय निजी पशु चिकित्सकों को बुलाकर मवेशियों का इलाज कराया. मगर कोई फायदा नहीं हुआ. सभी मवेशियों ने तड़पते हुए एक-एक कर दम तोड़ दिया.
सूचना पर संग्रामपुर बीडीओ सुनील कुमार ने पशु चिकित्सक टीम के साथ सोमवार को घटनास्थल पहुंचकर जायजा लिया. मौके पर पहुंचे मेडिकल टीम ने बेहोश व बीमार पड़े पंद्रह मवेशियों का इलाज किया. भम्रणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ धर्मेंद्र कुमार प्रभाकर ने बताया कि ग्रामीण जिस तरह से बताये हैं. उससे लग रहा है कि अधिक मात्रा में नदी किनारे फेंके गये अन्न व जहरीला खाद्य पदार्थ खाने से तबीयत बिगड़ी व मौत हुई है.
रोमेन पीएच विधि के माध्यम से जांच में जहरीले खाद्यपदार्थ खाने से अलकलेटी (क्षारीय) रोग से मौत का कारण सामने आया है. मेडिकल टीम भले ही मौत कारण फूड प्वाइजनिंग बता रहा है. मगर मौत का घटना संदेहास्पद प्रतीत हो रहा है. पशुपालकों द्वारा मुआवजे के मांग पर बीडीओ ने कहा कि इस मामले में मुआवजे का सरकारी स्तर से कोई प्रावधान नहीं है. वैसे इसकी रिपोर्ट
जिला मुख्यालय को भेजा जायेगा.
मौके पर थानाध्यक्ष अभिनव कुमार दुबे, मुखिया प्रतिनिधि प्रमोद यादव व मेडिकल टीम के अनुसेवक अशोक कुमार, कनीश्वर कुमार केसरी, रामबाबू प्रसाद कुशवाहा, रामायण पटेल समेत अन्य मौजूद थे. उधर, प्रखंड प्रमुख किरण देवी ने कहा कि, ्गांवों में पशुओं के टीकाकरण व मृत पशुआें के मुआवजा दिलाने की मांग की है.
अलकलेटी के रूप में हुई बीमारी की पहचान
रोमन पीएच विधि से हुई
मौत की जांच
चिकित्सकों की टीम के साथ घटनास्थल का जायजा लिया हूं. टीम के द्वारा 15 बेहोश पशुओं का इलाज किया गया है. इस दौरान पशुपालकों ने मुआवजे की मांग की, तो उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर से कोई प्रावधान नहीं है.
सुनील कुमार, बीडीओ, संग्रामपुर

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