बक्सर. 14 फरवरी 2025 को सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तामझाम के साथ 202 करोड़ की लागत से बने सिमरी बहुआयामी पाइप जलापूर्ति योजना का उद्घाटन की. मगर उद्घाटन के नौ माह बाद भी यह योजना आधी-अधूरी है. अधिकांश घरों में शुद्ध जल नहीं पहुंच रहा है. जबकि जिले के 214 वार्ड के घरों तक पानी पहुंचाना तो दूर अधिकांश घरों में अभी तक कनेक्शन नहीं दिया गया है. हालांकि उद्घाटन के समय जिला प्रशासन के द्वारा यह बताया गया था कि जिले के 214 के कुल लगभग 32 हजार घरों को कनेक्शन कर पानी का सप्लाइ किया जा रहा है. मगर पीएचइडी विभाग के अनुसार कुल घरों की संख्या 29 हजार 857 बताया जा रहा है. जिसमें अभी तक 26 हजार 225 घरों में कनेक्शन कर दिया गया है. जबकि 3632 घरों में कनेक्शन करना अभी भी बाकी है. इस डाटा से यह साफ साफ जाहिर होता है कि उद्घाटन के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को गलत डाटा विभाग के द्वारा उपलब्ध कराया गया था. कनेक्शन वाले घरों में नहीं मिल पा रहा समय से पानी : जिले के 214 वार्ड के 26225 घरों में तो कनेक्शन कर गिनती के लिए आधार कार्ड लेकर दिखा दिया गया कि इतने घरों में जलापूति जारी है. लेकिन वास्तविकता तो यह है किसी भी घर में एक माह लगातार पानी की सप्लाइ नहीं किया गया है. ऐसे में आमलोगों को आर्सेनिक युक्त पानी पीने का सपना अधूरा रह गया है. 30 प्रतिशत घरों में अब तक कनेक्शन नहीं : पीएचइडी विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल 29,857 घर ऐसे हैं, जिन्हें इस योजना के तहत पाइपलाइन कनेक्शन दिया गया है. लेकिन अभी तक मात्र 26,225 घरों में ही कनेक्शन दिया जा सका है. यानि 3,632 घर अब भी योजना से लाभान्वित नहीं हो पाये हैं. यह स्थिति स्पष्ट करती है कि न तो कनेक्शन की प्रक्रिया पूरी हुई है और न ही सरकार द्वारा की गयी उद्घाटन वाली जानकारी सटीक थी. स्थानीय स्तर पर यह भी आरोप लग रहा है कि उद्घाटन के समय जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री को अधूरे डाटा से अवगत कराया था, जिससे योजना पूरी तरह लागू होने का भ्रम पैदा हो गया था. जिन्हें कनेक्शन मिला, उन्हें भी समय से पानी नहीं : केवल कनेक्शन देना ही पर्याप्त नहीं है. सबसे बड़ी विडंबना यह है कि जिन 26 हजार से अधिक घरों में पाइपलाइन कनेक्शन दिया गया है, उनमें भी नियमित जलापूर्ति नहीं हो पा रही है. कई मोहल्लों में लोगों ने बताया कि कभी-कभार कुछ मिनट के लिए पानी आता है, फिर कई दिनों तक सप्लाई पूरी तरह बंद. कई लोगों का कहना है कि एक महीने में लगातार सात दिन भी पानी नहीं मिला. वार्डों में सुबह 6 से 8 बजे तक पानी आने का समय निर्धारित किया गया, लेकिन बिजली बाधित होने या मोटर ठप हो जाने के कारण समय पर सप्लाई नहीं हो पाती. क्या कहते हैं जेइ 11 हजार फीडर के लिए विद्युत विभाग से बात चल रही है. कुछ दिन में जलापूर्ति केंद्र का अपना फीडर हो जायेगा. लिहाजा लोगों के घरों में नियमित पानी की आपूर्ति की जाने लगेगी. शशिकांत, जेइ मरम्मत कार्य में दो–दो माह की देरी, लोग पी रहे गंदा पानी सबसे बड़ी परेशानी मरम्मत कार्य को लेकर है. जहां भी मोटर जल जाती है या पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होती है, वहां दो-दो माह तक सुधार कार्य नहीं किया जाता. शिकायत दर्ज कराने के बाद भी विभागीय अमीन और तकनीकी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचते. इसके चलते कई गांवों में लोग पुराने हैंडपंप या दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. कुछ स्थानों पर तो आर्सेनिक युक्त पानी ही उपयोग में लाया जा रहा है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने का खतरा है. क्या कहते हैं लोग उद्घाटन के समय यह दावा किया गया था कि अब दियारांचल के लोगों को आर्सेनिक रहित साफ पानी मिलेगा. जिसका लोगों ने स्वागत किया, मुख्यमंत्री का आभार जताया मगर नौ महीने बाद भी हालात पहले से बेहतर नहीं है. कई घरों को अभी तक कनेक्शन नहीं किया गया है. – जयप्रकाश राय विभागीय अधिकारी शिकायत करने पर कहते हैं कि आज आयेंगे, कल आयेंगे लेकिन आते नहीं है. जिस कारण लोगों को गंदा पानी से ही काम चलाना पड़ रहा है. -अजय मिश्रा विभाग सिर्फ कागज पर काम दिखा रहा है. जहां-जहां कनेक्शन लगा है, वहां दिखावे के लिए फोटो खींच ली जाती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि पाइपों में पानी नहीं आता है. -सुरेंद्र कुमार दुबे
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