डुमरांव
. मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत फरवरी माह के चौथे शनिवार को उर्दू प्राथमिक विद्यालय सरैया में फोकल शिक्षक तबरेज आलम के द्वारा विद्यालय में जल व भूमि संरक्षण, वायु प्रदूषण की रोकथाम और पेड़-पौधों के महत्व को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में शिक्षकों और पर्यावरण विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को विभिन्न पर्यावरणीय समस्याओं और उनके समाधान के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम के दौरान जल संरक्षण पर विशेष जोर दिया गया. शिक्षकों ने बच्चों को बताया कि जल ही जीवन है और इसे बचाने के लिए वर्षा जल संचयन, पानी का सदुपयोग और जल प्रदूषण रोकने जैसे उपायों को अपनाना आवश्यक है. विद्यार्थियों को दैनिक जीवन में पानी बचाने के तरीके भी बताये गये. भूमि संरक्षण पर चर्चा करते हुए प्रधानाध्यापक इंद्रेश कुमार मिश्रा ने बताया कि अंधाधुंध निर्माण, कृषि में रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग और कचरे का अनुचित निपटान भूमि की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं. उन्होंने विद्यार्थियों को जैविक खेती, अपशिष्ट प्रबंधन और पौधारोपण के महत्व को समझाया. वायु प्रदूषण पर जानकारी देते हुए शिक्षकों ने बताया कि वाहनों से निकलने वाला धुआं, कारखानों से उत्पन्न प्रदूषक और वृक्षों की कटाई वायु की गुणवत्ता को खराब करते हैं. बच्चों को सार्वजनिक परिवहन के उपयोग, साइकिल चलाने और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया. पेड़-पौधों के संरक्षण पर जोर देते हुए विद्यार्थियों को बताया गया कि वृक्षारोपण से न केवल पर्यावरण संतुलित रहता है, बल्कि यह प्रदूषण कम करने में भी सहायक होता है. बच्चों ने विद्यालय परिसर में पौधे लगाए और उनकी देखभाल करने का संकल्प लिया. विद्यालय प्रबंधन ने इस पहल को सफल बनाने के लिए बच्चों और उनके अभिभावकों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहने और इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने का संदेश दिया. इस मौके पर शिक्षा सेवक मोहम्मद रहमतुल्लाह के साथ साथ बाल सांसद के छात्र छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. जिसमे कार्तिक कुमार, सरोज कुमार, प्रियलराज, आयुष, कृष, अमृता आदि उपस्थित रहें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

