डुमरांव
. अनुमंडल अस्पताल में लंगूर और बंदरों के आतंक से स्वास्थ्यकर्मी और मरीजों में भय का माहौल है. सोमवार को एक स्वास्थ्यकर्मी सुक्रानी पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया. इससे पहले भी एक सप्ताह पूर्व सुरक्षा कर्मी अरूण कुमार पर हमला किया था, जिसमें जख्मी हो गए. लेकिन अस्पताल प्रबंधन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.बंदरों और लंगूरों का बढ़ता आतंक
अस्पताल परिसर में एक माह से बंदरों और लंगूरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. मरीज, उनके परिजन और स्वास्थ्यकर्मी हर समय डरे रहते हैं. सोमवार को अस्पताल के ओटी रूम में आपरेशन की तैयारी चल रही थी. अचानक बंदर पहुंच कर शुक्रानी को ज़ख्मी कर दिया. अस्पताल में काम करने वाली महिला सुक्रानी जब अपनी ड्यूटी कर रही थीं, तभी एक बंदर ने उन पर हमला कर दिया. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं. इससे पहले एक सुरक्षा कर्मी पर भी हमला हो चुका है, लेकिन प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन अब तक चुप्पी साधे बैठा है.कर्मियों और मरीजों में दहशत
लगातार हो रहे हमलों के कारण अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी, डॉक्टर और मरीज दहशत में हैं. कई कर्मचारियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. कुछ कर्मचारियों ने बताया कि वे डर के कारण खुले में जाने से बच रहे हैं, जिससे उनके कामकाज पर असर पड़ रहा है. लेबर रूम में काम करने वाली स्वास्थ्य कर्मी दहशत में हैं. कहीं नवजात बच्चों को न कुछ करें. इसको लेकर सुरक्षा कर्मी ने अस्पताल उपाधीक्षक से शिकायत करते हुए बंदर व लंगूर के आंतक से निजात दिलाने की बात कही थी, आश्वासन मिला. लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ.
अस्पताल प्रबंधन मौन, कोई समाधान नहीं
कई बार शिकायत करने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. अस्पताल परिसर में सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किए गए हैं, जिससे बंदरों और लंगूरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. अस्पताल प्रबंधक देवेन्द्र तिवारी ने कहा कि वन विभाग को सूचित कर बंदर व लंगूर को पकड़ यहां से हटाया जाएगा. प्रशासन से गुहार : स्वास्थ्यकर्मियों और मरीजों ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकालने की मांग की है. अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो अस्पताल के कर्मचारी आंदोलन करने को मजबूर होंगे. डुमरांव अनुमंडल अस्पताल में इस बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन को जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की जरूरत है, ताकि अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों और इलाज के लिए आने वाले मरीजों को सुरक्षित माहौल मिल सके.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है