बक्सर . गंगा का जलस्तर लगातार घट रहा है. इससे फिलहाल बाढ़ की खतरा टल गई है, लेकिन शहर के गंगा घाटों पर मिट्टी जमने से समस्या उत्पन्न हो गई है. सीढ़ियों पर सिल्ट जमने से गंगा में स्नान करना खतरनाक हो गया है. वही तटीय इलाकों में कटाव का खतरा सताने लगा है. इसको लेकर तटवर्ती क्षेत्रों के हालात पर नजर रखा जा रहा है. केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक चार दिनों से गंगा का जलस्तर घटने का सिलसिला लगातार जारी है. शुक्रवार की सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 58.49 मीटर था, जो शाम 07 बजे 58.31 मीटर हो गया. जो खतरे के निशान से तकरीबन 2 मीटर तथा चेतावनी बिंदु से एक मीटर कम है. जाहिर है कि बक्सर में चेतावनी बिंदु 59.32 मीटर तथा खतरे का निशान 60.32 मीटर है. दो सेमी प्रति घंटे कम हो रहा पानी सीडब्लूसी के मुताबिक गंगा का जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे के हिसाब से नीचे खिसक रहा है. पानी घटने का यह दर शुक्रवार की दोपहर 12 बजे से शुरू है. गंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भी लगातार पानी घटने का संकेत मिल रहा है. लिहाजा अभी बाढ़ की कोई संभावना नहीं है. गंगा के पानी घटने से जिले के दियारा इलाके के लोगों राहत की उम्मीद जग गई है. परंतु गंगा के कटाव को लेकर वे सहमे हुए हैं. गंगा में स्नान करना मुश्किल जलस्तर में कमी आने के कारण शहर के गंगा घाटों पर स्नान करना मुश्किल हो गया है. रामरेखाघाट समेत अन्य घाटों पर बनी सीढ़ियां सिल्ट से पूरी तरह ढंकी हुई हैं और दलदली बन गई है. जहां स्नान करना खतरे को दावत देना है. सावन मास में दूर-दराज से रामरेखाघाट पर गंगा जल के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सीढ़ियों पर जमी सिल्ट मुसीबत बन गई है.
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