बक्सर. आगामी 10 फरवरी से प्रस्तावित एमडीए अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र कुमार की अध्यक्षता में सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम एवं स्वास्थ्य पदाधिकारियों के साथ बैठक की गयी. बैठक में डॉ शैलेंद्र कुमार ने सभी उपस्थित लोगों से प्रखंडवार माइक्रोप्लान को सटीक तरीके से बनाने की महत्ता पर बल दिया गया ताकि अभियान के दौरान कोई भी योग्य लाभार्थी दवा सेवन से वंचित नहीं रहे. माइक्रोप्लान को डिजिटाइज़ करने की कवायद शुरू : वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि राज्य द्वारा तीन जिलों बक्सर, भोजपुर एवं रोहतास में माइक्रोप्लान को डिजिटल तरीके से बनाया जाना है. इसके लिए लगातार कार्य किया जा रहा है और माइक्रोप्लान को बेहतर तरीके से बनाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एमडीए अभियान के दौरान करीब 19 लाख योग्य व्यक्तियों को फाइलेरिया की दवा खिलायी जायेगी. इसके लिए जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक सामंजस्य बनाया जा रहा है और प्रयास है कि शत प्रतिशत लोगों को दवा खिलायी जा सके. दवा सेवन है फाइलेरिया से बचाव का मंत्र : जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र कुमार फाइलेरिया एक संक्रामक रोग है. जो किसी भी उम्र में हो सकता है. इससे जुड़ी विकलांगता जैसे लिम्फेडेमा (पैरों में सूजन) एवं हाइड्रोसील (अंडकोश की थैली में सूजन) के कारण मरीज को इसके कारण आजीविका एवं काम करने की क्षमता प्रभावित होती है. फाइलेरिया के रोकथाम के लिए डीइसी एवं अल्बेंडाजोल की गोली साल में एक बार सरकार द्वारा निशुल्क खिलायी जाती है. लगातार पांच तक दवाओं का साल में एक बार सेवन करने से फाइलेरिया की संभावना लगभग पूरी तरह खत्म हो जाती है. उन्होंने बताया कि कई बार दवा का सेवन करने से लोगों को हल्की परेशानी होती है, वो सभी लक्षण शरीर में फाइलेरिया के परजीवी के होने के संकेत हैं. स्वस्थ व्यक्ति को दवाओं के सेवन से कोई परेशानी नहीं होती है.
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