बक्सर : पिछले चार दिनों से पूरे जिले में मौसम ने कंपकंपी लाकर छोड़ दिया है. रविवार को दिन में तेज धूप ने लोगों को राहत दी, मगर बादल की ओट में सूर्य के छिपते ही लोग फिर कनकनी और दलदली के बीच घिर जाते थे. दिन भर रविवार को यही सिलसिला रहा,लेकिन लोगों को ठंड से थोड़ी राहत जरूर मिली.सूरज ढलते ही फिर ठंड ने आमजन को पूरी तरह आगोश में ले लिया और ठंड के कारण लोग फिर घरों में दुबक गये. रविवार को बादलों के बीच अधिकतम तापमान 13 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. जबकि देर रात मौसम का तापमान गिर कर छह डिग्री तक चले जाने की संभावना जतायी गयी.
हालांकि पूर्व के मौसम पूर्वानुमान में यह बताया गया था कि 24 जनवरी को तापमान 22 डिग्री और न्यूनतम तापमान आठ डिग्री रिकॉर्ड किया जायेगा, जिस तरह ठंड ने लोगों को एहसास कराया है, उससे मध्य रात्रि तक तापमान छह डिग्री सेल्सियस हो जाने की पूरी संभावना जतायी गयी है. 30 जनवरी से पहले मौसम साफ होने की कोई संभावना नहीं है.
30 जनवरी को न्यूनतम तापमान बढ़ कर 13 डिग्री तक पहुंच जाने और मौसम साफ होने की संभावना बतायी गयी है. रविवार से लेकर अगले पांच दिनों तक मौसम कुहासे और शीत लहर की चपेट में होगा और लोगों को 29 जनवरी तक ठंड से निजात नहीं मिलने की संभावना मौसम विभाग ने जतायी है.
ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से सभी प्रखंडों को पैसे भेज दिये गये, मगर बक्सर व केसठ प्रखंड को छोड़ कर कहीं भी अलाव नहीं जलाये गये. इस संबंध में ग्रामीणों ने अपने संबंधित बीडीओ और सीओ को अलाव जलाने के लिए अनुरोध भी किया, मगर उसका अब तक कोई निदान नहीं निकला है. शनिवार को आपदा विभाग की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी को प्रखंडों से यह रिपोर्ट मिली कि सब जगह अलाव जल रहा है, मगर अलाव जलाना वास्तविकता से दूर है.
बक्सर सीओ अनिता भारती ने बताया कि उन्होंने शहर के रेलवे स्टेशन, नगर थाना, ज्योति चौक, अांबेडकर चौक आदि इलाकों में अलाव जलवाया है. वहीं, केसठ की सीओ कुमार नलिनीकांत ने बताया कि प्रखंड में बस पड़ाव, महादलित बस्ती और बाजार तीन स्थानों पर अलाव जलाये गये हैं और आगे भी गरीबों की बस्ती में अलाव जलाये जायेंगे. इसके अतिरिक्त चौगाईं, डुमरांव, ब्रह्मपुर, चक्की और चौसा, राजपुर से कहीं से भी अलाव जलाने की सूचना नहीं आयी है जबकि सभी प्रखंडों में कागजों पर अलाव जलाये जा रहे हैं.
क्या कहते हैं एडीएम
सभी प्रखंडों व नगर पर्षद के पदाधिकारियों को अलाव जलाने के लिए पैसे दिये गये. पहले किस्त में 50 हजार रुपये मिले थे, मगर उसके बाद किसी भी प्रखंड से अलाव जलाने की उपयोगिता प्रमाण पत्र मुझे नहीं मिला है, जब तक उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं प्रस्तुत किया जायेगा. अलाव के लिए दूसरी किस्त की राशि नहीं मिल सकती. उन्होंने प्रखंडों के अधिकारियों से अविलंब उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करने को कहा है,
एम सिद्दिकी, एडीएम