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पांच देवों का दर्शन हुआ पूरा

बक्सर : 30 नवंबर से शुरू बिहार का प्रसिद्ध पंचकोसी परिक्रमा शुक्रवार को पांचवें दिन चरित्रवन में लिट्टी-चोखा के प्रसाद के साथ संपन्न हो गया. पंचकोसी के अंतिम दिन पूरा बक्सर शहर उत्साह में डूबा रहा. इस मेले में भाग लेने के लिए बक्सर जिले के बाहर से भी लाखों की संख्या में लोग पहुंचे […]

बक्सर : 30 नवंबर से शुरू बिहार का प्रसिद्ध पंचकोसी परिक्रमा शुक्रवार को पांचवें दिन चरित्रवन में लिट्टी-चोखा के प्रसाद के साथ संपन्न हो गया. पंचकोसी के अंतिम दिन पूरा बक्सर शहर उत्साह में डूबा रहा. इस मेले में भाग लेने के लिए बक्सर जिले के बाहर से भी लाखों की संख्या में लोग पहुंचे थे.
बिहार के विभिन्न जिलों के साथ-साथ झारखंड तथा यूपी के भी विभिन्न हिस्से से भगवान राम में आस्था रखनेवाले श्रद्धालु महिला-पुरुष चरित्रवन में जुटे थे. लिट्टी-चोखा लगानेवाले लोगों ने यह भी नहीं देखा कि वे कहां बैठे हैं और कहां लिट्टी लगायी जा रही है, जिसे जहां जगह मिली, वहीं लिट्टी-चोखा लगा लिया और भगवान राम का प्रसाद मान कर ग्रहण कर लिया. अंतिम दिन के पड़ाव पर देर रात से ही दूर-दूर से लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. सिर पर झोला और गट्ठर लिये भक्त पौ फटते ही ग्रामीण क्षेत्रों व सूबे से बाहर के लोग चरित्रवन व बक्सर स्टेशन पर पहुंच चुके थे.
वहीं, ज्यादातर श्रद्धालु गुरुवार की शाम में ही बक्सर पहुंच गये थे. लोगों की आस्था ऐसी थी कि छोटे बच्चों से लेकर जीवन के अंतिम पड़ाव में पहुंचे बूढ़ा-बूढ़ी भी लिट्टी चोखा में अपनी भागीदारी निभाने बक्सर पहुंचे थे.
भीड़ के आगे बौना पड़ा चरित्रवन का इलाका : लिट्टी-चोखा के आयोजन के प्रति लोगों में आस्था और निष्ठा इतनी थी कि चरित्रवन का इलाका छोटा पड़ गया. चरित्रवन का पूरा इलाका पूरी तरह लिट्टी-चोखा बनानेवालों की भीड़ से पट गया था.
इसके अतिरिक्त नाथ बाबा के मंदिर का इलाका, बाढ़ नियंत्रण के अधीक्षण अभियंता का कार्यालय, सिंचाई विभाग का कार्यालय, लघु सिंचाई विभाग का कार्यालय, नहर विभाग का कार्यालय,नौलखा मंदिर परिसर, भैरवनाथ मंदिर का इलाका, दरिया शहीद का मजार, किला का मैदान, रामलीला मंच समेत चरित्रवन के सभी खाली इलाकों में शुक्रवार को लिट्टी-चोखा लगते दिखाई दिया.
उत्साह में दिखा शहर : लिट्टी-चोखा महोत्सव को लेकर सुबह से ही शहर में उत्साह बना था. लिट्टी-चोखा बनानेवाले एक परिवार जो भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड के पुंडेश्वर से राधिका देवी आयी थी ने बताया कि अपने पूरे परिवार के साथ वह लिट्टी-चोखा बना कर भगवान राम का प्रसाद पाने आयी हैं.
वहीं, उत्तरप्रदेश के इवीपुर मोहम्मदाबाद से स्वर्ण व्यवसायी राकेश कुमार कसेरा अपनी बूढ़ी मां सरस्वती देवी और पूरे परिवार के साथ लिट्टी-चोखा लगाने आयी थीं. आरा चौक की बड़ी मसजिद से स्व.बूटन जी का परिवार जिसमें दिलीप कुमार कसेरा अपने पूरे बच्चों और महिलाओं के साथ लिट्टी-चोखा लगाने आये थे. उत्साह के साथ पंचकोसी मेला में जुटे थे.
दस रुपये में बिके पांच गोइठे
मेला में न सिर्फ श्रद्धालु महिला पुरुष जुटे थे, बल्कि छोटे-छोटे सैकड़ों फुटपाथी दुकानदार भी पहुंचे थे. मेले में गोइठा की बिक्री भी खूब हुई. 10 रुपये में पांच और 10 रुपये में छह गोइठा आमतौर पर बिक रहा था.
वहीं, आलू, बैगन, टमाटर, नींबू, मूली की भी जगह-जगह दुकानें खुली थीं, जिसमें हर रोज की तरह भाव नहीं था. बैगन-20 रुपये, आलू-80 रुपये में पांच किलो, नींबू-छह रुपये जोड़ा, टमाटर-20, खीरा-40 रुपये किलो और मूली 30 रुपये किलो बिक रहा था. इसके अतिरिक्त चाट, जलेबी,आइसक्रीम तथा अमरूद और फलों की दुकानें भी खूब सजीं हुई थीं. अमरूद के एक दुकानदार ने बताया कि करीब छह से अधिक अमरूद दुकानदार ठेला लगाये हैं.
मेरा डेढ़ क्विंटल अमरूद बिक गया है. जबकि अन्य दुकानदारों का भी क्विंटल, डेढ़ क्विंटल 30 रुपये किलो के हिसाब से बिच चुका है. वहीं, आइसक्रीम बेचनेवालों की भी काफी भीड़ थी. जलेबी बेचनेवालों की चांदी रही और 80 रुपये लेकर 100 रुपये तक प्रति किलो के हिसाब से जलेबी की बिक्री हुई.

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